Book Title: Anekant 1940 01
Author(s): Jugalkishor Mukhtar
Publisher: Veer Seva Mandir Trust

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Page 2
________________ विषय-सूची १. सिद्धसेन स्मरण ... २. पुरुषार्थ (कविता) - [ले० श्री० मैथिलीशरण गुप्त ३. धवलादि श्रुत- परिचय [सम्पादकीय... ४. सुधार संसूचन. २. उस दिन ( कहानी ) - श्री "भगवत् " ६. जैनधर्म की विशेषता [ श्रा सूरजभान वकील ७. वीर शासनाँक पर सम्मतियाँ... ८. वास्तविक महत्ता [ श्रीमद् राजचन्द्र .... २. ज्ञातवंशका रूपान्तर जाटवंश [ मुनि श्री कवी सागरजी १०. द्रव्य-मन [ पं० इन्द्रचन्द शास्त्री.... ११. अति प्राचीन प्राकृत "पंच संग्रह " [ पं० परमानन्द ... १२. जैन और बौद्ध निर्वाण में अन्तर [ श्री जगदीशचन्द्र एम. ए. १३. एक महान साहित्य सेवीका वियोग [ सम्पादकीय... पृष्ठ 4 २०५ २०६ ܀ -व्यवस्थापक २१६ २१७ २२१ २३५ २३६ २३७ २५० २१६ २६१ अनेकान्तकी फाइल अनेकान्तके द्वितीय वर्ष की किरणोंको कुछ फाइलोंकी साधारण जिल्द बंधवालो गई हैं। १२ वीं किरण कम हो जानेके कारण फाइलें थोड़ी ही बन्ध सका हैं । अतः जो बन्धु पुस्तकालय या मन्दिरों में भेंट करना चाहें या अपने पास रखना चाहें वे २ || ) रु० मनियार्डर से भिजवा देंगे तो उन्हें सजिल्द अनेकान्तकी फाइल भिजवाई जा सकेगी । २६५ जो सजन अनेकान्तके ग्राहक हैं और कोई किरण गुम हो जाने के कारण जिल्द बन्धवाने में असमर्थ हैं उन्हें १२वीं किरण छोड़कर प्रत्येक किरणके लिये चार थाना और विशेषांक के लिए आठ श्राना भिजवाना चाहिए तभी प्रदेशका पालन हो सकेगा । - व्यवस्थापक भूल मशीन पर छपते हुए किनने हो फार्मों में पृ० २६१ पर लेखक प्रोफेसर जगदीशचन्दजी के 'प्रोफेसर' में से "प्रोफे" तर निकल गये हैं कृपया सुधार लीजियेगा ।

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