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विषय- शीर्षक
अहिंसा - पालन में सहयोगी: दान-धर्म
० अहिंसाः प्रशस्त मनोभावों की स्रोत
(दया, करुणा, परदुःखकातरता, मैत्री...)
० अहिंसाः ब्रह्मरूपता की प्राप्ति का साधन
→ अहिंसाः भारतीय संस्कृति व धर्म की केन्द्र-बिन्दु ....
० अहिंसाः वर्णाश्रम धर्म एवं अध्यात्मयोग की अंग
अहिंसाः वाणी-व्यवहार में भी
० अहिंसाः शिव धर्म की आधार
० अहिंसा-समृद्धि से सम्पन्न देश ही सेवनीय
० अहिंसा से समन्वित आचरण ही धर्म
अहिसा / हिंसा की कसौटी पर ही सत्य / असत्य का निर्णय...
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श्लोक / उद्धरण संख्या
[वैदिक / ब्राह्मण संस्कृति खण्ड / 322
732-734
317-343
893-898
178-207
825-910
370-394
33-35
51
20-21
आत्मवत् व्यवहार
614-620
[देखें- अहिंसा - आत्मवत् व्यवहार; अहिंसा की नींव ] 229-250
614-620
990
499-513
पृष्ठ संख्या
205
94-101
254-255
58-67
233-258
106-111
9-10
14
19
6
142-146
174-175
72-78
174-175
291