Book Title: Ahimsa Vishvakosh Part 01
Author(s): Subhadramuni
Publisher: University Publication

View full book text
Previous | Next

Page 395
________________ 286 ___ m 139 137 405 346 344 उद्धरण का उद्धरण पृष्ठ प्रारम्भिक अंश संख्या संख्या निष्प्राणो नाभिहन्तव्यो... 1013 298 नीचाभिगमनं गर्भ... 290 88 नृपो यदा तदा लोकः... 949 279 नेदमन्योन्यं हिनसात... 21269 नैकमिच्छेद् गणं हित्वा... 294 89 नैतत् प्रशंसन्त्याचार्याः... 944 नैतादृशः परो धर्मो... 930 272 नैनं व्यालमृगा घ्नन्ति... .. 303 91 नैवासन्नद्धकवचो... 997 293 नैष धर्मः सतां देवाः... 927 265 नैष्ठर्यं निघृणत्वञ्च... नोद्वेजयति भूतानि... 89 न्यस्तवर्मा विशेषेण... 1012 298 न्यायोपेता गुणोपेताः... 56 15 न्यूनाङ्गांश्चाधिकाङ्गांश्च... 530 150 पंच सूना गृहस्थस्य... ___857 242 पक्वविद्या महाप्राज्ञा... 22271 पक्षिणां जलचराणां... 267 82 पञ्चजन्मसु गृध्रश्च... 181 पञ्चैतान्यो महायज्ञान्... 857 ___242 पतेद् बहुविधं शस्त्रं.. 934 274 पन्थानो ब्रह्मणस्त्वेते... 893 254 पयस्वन्मामकं वचः... 387 110 परत्र स्वबोध-संक्रान्तये... 143 परं नोद्वेजयेत् कंचित्... 865 परद्रव्येष्वभिध्यानं... 33799 परद्रोहं तथा हिंसां... 249 परनिन्दा विनाशाय... ___116 परनिन्दा कृतघ्नत्वं... 137 40 परपरिवादः परिवादि न... परपीडाकरं कर्म... 201 65 परवाच्येषु निपुणः... 403 113 परश्चेदेनमभिविध्येत... 602 168 परस्मिन् बन्धुवर्गे वा... 616 174 उद्धरण का उद्धरण पृष्ठ प्रारम्भिक अंश संख्या संख्या परस्य दण्डं नोद्यच्छेत्... 396 111 परस्य निन्दा पैशुन्यं... 399 112 पराजयश्च मरणात्... 973 परापवादं न ब्रूयात्... 382 109 परापवादं पैशुन्यम्... 553 परासुता क्रोधलोभाद्... 157 623 परिभूतो भवेल्लोके... 490 परिव्राजकः सर्वभूताभयदक्षिणां 903 256 परूषं ये न भाषन्ते... 568 160 परेषां च तथा दोषं... 114 परेषामुपकारं च... 102 परोपकरणं येषां... 347 102 परोपकारः कर्तव्यः... 354 103 परोपकारेऽविरतं.. 101 परोपघातो हिंसा च... 257 परोपतापनं कार्य... 72 पशवोऽपि वशं यान्ति... 586 पशवोऽपि हि जीवन्ति... 767 215 पशुंश्च ये वै बध्नन्ति... 183 पशूनविधिनाSS लभ्य... पानपस्तु सुरां पीत्वा... 485 पानमक्षाः स्त्रियश्चैव.... 840 पानीयं परमं दानं... 795 पापानां वा शुभानां वा... पापीयसः क्षमेतैव... 197 पापेन कर्मणा देवि... 37 पापेन कर्मणा विप्रो... पापेप्यपापः परूषे... 325 पितृपुत्रस्वसृभातृ... 287 640 पितृभक्ता दयायुक्ता... 190 पिपीलिकाः कीटपतङ्गकाद्याः..863 245 पिबन्तं न च भुआनम्... 1027302 225 165 637 642 263 503 223 246 177 413 606 - 62 - अहिंसा-विश्वकोश/365]

Loading...

Page Navigation
1 ... 393 394 395 396 397 398 399 400 401 402 403 404 405 406