Book Title: Ahimsa Vani 1952 08 Varsh 02 Ank 05
Author(s): Kamtaprasad Jain
Publisher: Jain Mission Aliganj

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Page 16
________________ गेटे की कृतियों में अहिंसा, सत्य और स्वाधीनता - [ले०-श्रीमती क्लैरीसा ट्वाइले-जर्मनी की एक सुप्रसिद्ध लेखिका ] . यह सम्भव हो सकता है कि के हैं। इसी कोटि का नायक 'वालयूरोप के मध्यदेश जर्मनी के कवि- फर वाण्डशैफिन' (Wahlverwसम्राट गेटे (Goethe) ने अहिंसा andtschaften)* में एडवर्ड का नाम भी न सुना हो; किन्तु यह (Eduard) है। गेटे के चरित्रों का अवश्यम्भावीतथ्य है कि वह इस बड़े सम्पूर्ण प्रेम उनके अपने व्यक्तित्व पर और महत्वपूर्ण विचार के आन्तरिक अधिकार पाने की शक्ति से उद्भूत अर्थ (अथवा महत्व) को समझता (या उत्साहित) हुआ है। जर्मनी के था। अतः बुद्धिमानों के बुद्धिमान कुछ साहित्य प्रेमी, बीमा उङ्गास्क्रगे' (Weisen von Weisen)- (Befreiungskriege)(स्वातंत्र्य (अर्थात् गेटे) की रचनाओं में कोई समर) जो कि नैपोलियन के विरुद्ध ऐसी बात पाना सम्भव है जो अहिंसा सन् १८१३ में हुआ था, के दरमियान के महान् आदर्श से सम्बन्धित हो। में गेटे का रुख भूल नहीं सकते । गेटे क्या उनकी 'इफीजेनी'(Iphigenie) उस समय में शान्तथा । वह शान्त था, अहिंसा की नायिका नहीं है ? वह क्योंकि वह किसी को न मारने की अपनी, अपने भाई और मित्र को दैवीय व्यवस्था को जानता था । वृद्ध जीवन-रक्षा की समस्या को अहिंसा- गेटे जानता था कि जीवों की जान त्मक साधनों से सुलझाती है। और लेने की अपेक्षा सुरक्षा करना उत्तम इसी प्रकार उनका एक पात्र विलयम है। इस भाँति जर्मनी का महान पुत्र मेस्टर (Wilhelm Meister) गेटे पुरातन भारत और मानवता के अहिंसा, अपरिग्रह और दृढ़ आत्म- आदर्श अहिंसा का अनुगामी था। संयम के मार्ग पर चलने के कारण उसके 'वनस्पति रूप विज्ञान' के हमारी सहानुभूति प्राप्त करता है। इस अध्ययन करने पर पाठक समझेगा तरह के महत्व , दूसरे शब्दों में अहिंसा कि उसने उन सिद्धान्तों की व्याख्या Elective *गेटे की एक रचना जिसका अर्थ 'चुनाव की एकताएँ (या Affenities) है। ŞLiveration war. *Morphology of Plants :

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