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अहिंसा-वाणी कि और लोगों ने मेरे लिए बो 'वह ही केवल पाता रखता, रखा है..."
निज जीवन श्रो' निज स्वतंत्रता। ___ एक मनुष्य, एक अपूर्व बुद्धिमान जिसको है नए सिरे से ही, .. व्यक्ति, जिसने ये पंक्तियाँ लिखी हैं- जीतना इन्हें प्रतिदिन पड़ता। यथार्थ जगत में रहता है वह एक मया की कोई हमले की जाती विचारक एवं सत्य-खोजी व्यक्ति है।
प्रकार व्यक्तित्व-विनिर्माण-विधि बता परन्त, बहुत से व्यक्तियों का अस्तित्व
सका है? गेटे के गेज़ के समान सभी इसीलिए है कि उन्होंने वह प्रणीत
स्वतंत्रता नायक न केवल भौतिक किया जो कि दूसरों ने प्राप्त किया है.
स्वतंत्रता-फल के ही अन्वेषक हैं और जो उनका अपना कार्य घोषित
वरन् वे आन्तरिक, मानसिक और किया गया । 'सत्यमेव जयते' वैदिक
आत्मिक स्वाधीनता-रत्नों के खोजी वाक्यांश है तथा गेटे इसकी आन्त
अधिक मात्रा में है। इस प्रकार गेटे रिक वास्तविकता का गवाह है। गेट की कृतियों में स्वाधीनता सत्य का. का नव युवक नायक गेज़ (Goetz) ही दूसरा पहलू है। वह भले ही सत्य की खोज मेंथा । फाँस्ट(Faust) इफीज नी (Iphigenie), टैसो - भी सत्यान्वेषी है किन्तु गट का (Tasso), गेज़ (Goetz) या विलिसत्यान्वेषण कार्य सजीव है क्योंकि
यम मेस्टर (Wilhelm Meister) सत्य और स्वतंत्रता व्यक्ति को स्वयं ।
द्वारा प्राप्त किया गया हो। अपने कार्य एवं श्रम से प्राप्त करने होते हैं।
अतः गेटे का जीवन और रचअब सत्य और स्वतंत्रता का नायें उन पाठकों के लिए संदर उपहार दूसरा क्षेत्र लीजिए । जिस प्रकार सत्य हैं जो अहिंसा, सत्य और स्वतंत्रता पाया जाता है उसी प्रकार स्वतंत्रता की त्रिवेणी से प्रेम करते हैं। प्राप्त की जाती है। एक बार गेटे ने ये पंक्तियाँ लिखीं हैं:
अनुवादकः-वीरेन्द्र प्रसाद जैन
*"He only gains and keeps his life and freedom
Who daily has to conquer them anew......"