Book Title: Agam aur Tripitak Ek Anushilan Part 3
Author(s): Nagrajmuni
Publisher: Concept Publishing Company

View full book text
Previous | Next

Page 834
________________ ७७४ आगम और त्रिपिटक : एक अनुशीलन (खण्ड:३ २१. उदान अट्ठकथा (परमत्थदीपनी) : आचार्य धर्मपाल, प्र० पालि टेक्स्ट सोसायटी लन्दन १६२६ २२. उदान पालि : स० भिक्षु जगदीश काश्यप, प्र० पालि प्रकाशन मण्डल, नवनालन्दा महाविहार, नालन्दा १६५६ २३. उदाहरण माला : श्री जवाहिराचार्य कृत २४. उपदेशपद : २५. उपदेश प्रसाद : (चार खण्ड), लक्ष्मी विजय सूरि, प्र. जैन धर्म प्रसारक सभा, माव__ नगर, १९१४-१६२३ २६. उपासक दशांग सूत्र : (जैन आगम) सं० व अनु० (अंग्रेजी) एन० ए० गोरे, प्र० ओरियन्टल बुक एजेन्सी, पूना १६५३ २७. उपासक दशा : २८ औपपातिक सूत्र (उववाई) : जैन आगम, अमयदेव सूरि वृत्ति सहित, प्र० देवचन्द लालभाई पुस्तकोद्धार फण्ड, सूरत १६३७ २६. ऋषभदेव : एक परिशीलन : ३०. कर्मग्रन्थ : ३१. करकण्डु चरिअ : मुनि कणयामर कृत ३२. कूटवाणिज जातक : ३३. कूटिदूसक जातक: ३४. कुदाल जातक : ३५. कोसिय जातक : ३६. खुद्दक पाठमेत : ३७. गान्धार जातक: ३८. छट जातक: ३६. चित्तसंभूत जातक : ४०. चुल निद्देश : ४१. छबक जातक: ४२. जम्बूद्वीप प्रज्ञप्ति सूत्र (जैन आगम) : शान्तिचन्द्र गणि विहित वृत्ति सहित (भाग १. २) प्र० देवचन्द लाल भाई पुस्तकोहार फण्ड, सूरत १६२० ४३. जातक (अट्ठकथा सहित हिन्दी अनुवाद) : (खण्ड १ से ६) अनु० भदन्त आनन्द ___ कोसल्यायन, प्र० हिन्दी साहित्य सम्मेलन, प्रयाग १६५८ ४४. जैन कथामाला, भाग, १८, २० : ४५. जैन इतिहास की प्राचीन कथाएं : ४६. तत्वार्थ सूत्र : ४७. थेरगाथा अट्ठकथा (परमत्थदीपनी) आचार्य धम्मपाल सं० ई० मूलर प्र० पालि टेक्स्ट सोसायटी, लन्दन १८६३ Jain Education International 2010_05 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org |

Loading...

Page Navigation
1 ... 832 833 834 835 836 837 838 839 840 841 842 843 844 845 846 847 848 849 850 851 852 853 854 855 856 857 858