Book Title: Agam aur Tripitak Ek Anushilan Part 3
Author(s): Nagrajmuni
Publisher: Concept Publishing Company

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Page 844
________________ ७८४ आगम और त्रिपिटक : एक अनुशीलन खिण्ड : ३ तथागत त्याग तृपणा 556 151,379 513 353 676 596 233 तक्षशिला ताम्रपर्णी-द्वीप तारा तितिक्षा-भाव तिरच्छान तर्यक-योनि तीर्थंकर तेजोलेश्या तेरापुरा-गुफा 537 10 507 507 552, 494 468 550,16 17 17 672 द्वारवती 134 दिट्ठ मंगलिका 11 दिवस्तिलक नगर 700 दिव्य-माया 484 द्विमुख 449 दीर्घायु कुमार 675 दीर्घ ताड़ 9 दुःख 14 दुःखवाद 56, 535 द्रुम 443 दुरात्मक 676 द्वेष देवक-राजा देवकी देवगर्भा 443 देव-माया 443 देव-योनि 712 देव योनि कारण 609 देववाद 679 देविन्द 680, 699 देवोत्सव 680 द्रोणमुख 679 द्वैपायन 495 436 469 427 धनदत्त 444 धनरक-केवली 585 धनवाह-सेठ 567 धनी 74 धनुष मण्डप 571 धर्म 575 धर्म चक्र 156 धर्मदेशना 514 धर्म परिषद 619 धर्म प्रकार 64 धर्मानुशासन 528 धम्मपद दण्डकारण्य दण्डकी-राजा दण्ड रत्न दछर-जातक दधिवाहन-राजा दन्तपुर दन्तवक्र दन्ति वाहन दमघोष दशपुर दशरथ दशरथ-जातक दशानन द्वन्द्व-दुःख दृढ़रथ दृष्ट धर्म निमार्णवाद दान दान महिमा दान-क्षेत्र दामोदर दावाग्नि दार्शनिक परम्पराएं द्वारिका 290 148 456 543 445,666 567 662 259 431 148, 564, 708 623 29, 418 29 30 384 49 ____Jain Education International 2010_05 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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