Book Title: Agam aur Tripitak Ek Anushilan Part 3
Author(s): Nagrajmuni
Publisher: Concept Publishing Company

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Page 854
________________ हिन्दी संस्कृत लेखक की मुख्य-मुख्य कृतियाँ ३०. अणुव्रत आन्दोलन ३१. युगधर्म तेरापंथ १. आगम और त्रिपिटक : एक अनुशीलन ३२. तेरापंथ शासन प्रणाली भाग १, २, ३ ३३. सत्य मंजिल : समीक्षा राह ४. घटनाएं जो इतिहास बन गई ३४. मन के द्वन्द : शब्दों की कारा ५. नया युग : नया दर्शन ३५. आचार्य श्री तुलसी : एक अध्ययन ६. अहिंसा विवेक ३६. मति-माधुर्य नैतिक विज्ञान ८. अहिंसा पर्यवेक्षण ६. जैनागम : दिग्दर्शन १०. जैन दर्शन और आधुनिक विज्ञान ३७. भिक्षु चरित्रम् ११. अहिंसा के अंचल में ३८. माथेरान सुषमा १२. यथार्थ के परिपार्श्व में ३६. भक्तेरुक्तयः १३. महावीर और बुद्ध की समसामयिकता ४०. आशु काव्यानि १४. युग प्रवर्तक भगवान् महावीर ४१. नीति नीलोत्पलानि १५. आचार्य भिक्षु और महात्मा गांधी ४२. ललितांग चरित्रम् १६. प्रेरणा-दीप १७. अणु से पूर्ण की ओर राजस्थानी १८, मवीन समाज-व्यवस्था में दान और दया ४३. राजा चन्द्रावतंशक १६. बाल-दीक्षा : एक विवेचन ४४. स्वप्न वासवदत्ता २०. यर्यादा महोत्सव : इतिहास और ४५. मेघकुमार चरित्र परिचय ४६. तीन शब्दों में विश्व इतिहास २१. मंजिल की ओर ४७. तीन रत्नों की चोरी २२. अणुव्रत जीवन-दर्शन ४८. अलका चरित्र २३. सर्वधर्म सद्भाव ४६. द्रौपदी चीर हरण २४. अणुव्रत विचार ५०. ठगी की देव पूजा २५. तेरापंथ दिन्दर्शन ५१. दो गज जमीन २६. अणुव्रत दिग्दर्शन ५२. काशी कौशल नरेश २७. अणुव्रत क्रान्ति के बढ़ते चरण ५३. क्षुल्लक मुनि २८. अणुव्रत-आन्दोलन और विद्यार्थी वर्ग ५४. स्फट गीति संदोह २६. अणुव्रत दृष्टि ५५. आषाढ मुनि ___Jain Education International 2010_05 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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