Book Title: Agam aur Tripitak Ek Anushilan Part 3
Author(s): Nagrajmuni
Publisher: Concept Publishing Company

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Page 841
________________ तत्त्व : आचार : कथानुयोग] शब्दानुक्रम ७८१ ईशानेन्द्र 27 67 676 उग्रसेन उच्छिष्ट पिण्ड उच्छेद वाद उत्तर पाच्चाल उदुम्बरा उज्जयिनी उपकंस उपसागर उपाध्याय उपासक उपासना उपोसथ-व्रत उन्नामिनी उलुक-शब्दक 59 485 566 कपिल वस्तु 622 कम्बश पर्वत 450 कर्म 23 कर्म-क्लेश 8 495, 524 कर्म-फल 27, 376 160 कर्म-काण्ड 71 कर्म योनि 701 कर्म-सत्य कर्मोपच यानिषेधक क्रियावाद 213, 677 करबण्डु कलिंग देश 552 करण्डु-राजा 699 553 करुणा 562 483 करेरी-कुटि 3, 134 कल्याण-मित्र 710, 708 587 कल्याणी-नदी 594 कलह 7 205 कलिंग-राष्ट्र 699 490 काकन्दी-नगरी 479 काकिणी-रत्न 712 काचन देप दू 506 कादम्बरी गुफा 65 काम्पिल्य 701 560 काम्पिल्यपुर 375 कापिलायनी 670 काम 129 काम-गुण 458 कामेच्छा 129 445 काम-वासना 129,701 2 काम-भोग 5, 129, 136,402,701, 625 494,498, 552 काम-राग 627 552 कायिक धर्मा चरण 20 662,667 काल-धर्म 374,484 278 कालिया-नाग 517,520 692 काल मत्ति-अटवी 560 690, 683 कालसेन 555 462,530, 688 कालसंवर-विद्याधर 530 669 कांविन्द-पण्डित 338 621 542 एकात्मवाद एरण्य 6 कंक-पत्र कंचूखा-नदी कंथ कथी कंस कंस भोज-राज्य कच्छ देश कर्तव्य-वोध कनक ज्योति कनक मंजरी कनक माला कपिल कपिल गौतम-मुनि ____Jain Education International 2010_05 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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