Book Title: Agam Sudha Sindhu Part 11
Author(s): Jinendravijay Gani
Publisher: Harshpushpamrut Jain Granthmala

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Page 251
________________ वा 1 पाणं वा 2 खाइमं वा 3 साइमं वा 4 आहारित्तए ॥सू. 43 // वासावासं पज्जोसवियाणं इह खलु निग्गंथाण वा निग्गंथीण वा / / * इमाइं अट्ठ सुहुमाइं, जाइं छउमत्थेणं निग्गंथेण वा निग्गंथीए वा / / अभिक्खणं 2 जाणियब्वाइं पासिअव्वाइं पडिलेहियव्वाइं भवंति, * तंजहा-पाणसुहुमं 1 पणगसुहुमं २,बीअसुहुमं ३,हरियसुहुमं 4, पुप्फ सुहुमं 5, अंडसुहुमं 6, लेणसुहुमं 7, सिणेहसुहुमं 8 // सू. 44 // से किं तं पाणसुहुमे ? पाणसुहुमे पंचविहे पन्नत्ते, तं जहा-किण्हे 1,

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