Book Title: Agam Sudha Sindhu Part 11
Author(s): Jinendravijay Gani
Publisher: Harshpushpamrut Jain Granthmala

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Page 252
________________ कल्पसूत्र // 122 // नीले 2, लोहिए 3, हालिद्दे 4, सुकिल्ले 5 / अत्थि कुंथु अणुद्धरी नाम (नाम समुप्पन्ना) जा ट्ठिया अचलमाणा छउमत्थाणं निग्गंथाण वा निग्गंथीण वा नो चक्खुफासं हव्वमागच्छइ, जा अट्ठिया चल-। * माणा छउमत्थाणं निग्गंथाण वा निग्गंथीण वा चक्खुफासं हव्वमागच्छइ, जाव छउमत्थेणं निग्गंथेणं वा निग्गंथीए वा अभिक्खणं अभिक्खणं जाणियब्वा पासियव्वा पडिलेहियव्वा हवइ, से तं पाणसुहुमे १।से किं तं पणगसुहुमे ? पणगसुहुमे पंचविहे पण्णत्ते, तंजहा // 122 //

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