Book Title: Agam Sudha Sindhu Part 11
Author(s): Jinendravijay Gani
Publisher: Harshpushpamrut Jain Granthmala

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Page 255
________________ विहे पण्णत्ते, तंजहा-उदंसंडे, उक्कलियंडे, पिपीलिअंडे, हलिअंडे, हल्लो। हलिअंडे, जे निग्गंथेण वा निग्गंथीए वा जाव पडिलेहियव्वे भवइ, से तं अंडेसुहुमे 6 / से किं तं लेणसुहुमे // लेणसुहुमे पंचविहे पण्णत्ते, तंजहा-उत्तिंगलेणे, भिंगुलेणे, उज्जुए, तालमूलए, संबुक्कावट्टे नाम | पंचमे, जे छउमत्थेणं निग्गंथेण वा निग्गंथीए वा जाणियब्वे जाव। पडिलेहियव्वे भवइ, से तं लेणसुहुमे 7 / से किं तं सिणेहसुहुमे ? सिणेहसुहुमे पंचविहे पण्णत्ते, तंजहा-उस्सा, हिमए, महिया, करए

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