Book Title: Agam Sudha Sindhu Part 11
Author(s): Jinendravijay Gani
Publisher: Harshpushpamrut Jain Granthmala
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________________ सीलस्स पमज्जणासीलस्स तहा तहा संजमे सुआराहए भवइ / // सू. 54 // वासावासं पज्जोसवियाणं कप्पइ निग्गंथाण वा निग्गंथीण वा तओ उच्चार-पासवणभूमीओ पडिलेहित्तए, न तहा हेमंतगिम्हासु जहा णं वासासु, से किमाहु भंते ! वासासु णं ओसण्णं पाणा य तणा य बीया य पणगा य हरियाणि य भवंति ॥सू.५५॥ वासावासं पज्जोसवियाणं कप्पइ निग्गंथाण वा निग्गंथीण वा / तओ मत्तगाइं गिण्हित्तए, तंजहा-उच्चारमत्तए, पासवणमत्तए,
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