Book Title: Agam Sudha Sindhu Part 02
Author(s): Jinendravijay Gani
Publisher: Harshpushpamrut Jain Granthmala

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Page 427
________________ 410 ] [ श्रीमदागमसुधासिन्धुः द्वितीयो विभागः पढमसए जाव वीयीवयंति 1 / भवसिद्धियत्तणं भंते ! जीवाणं किं सभावो परिणामो ?, जयंती ! सभावो नो परिणामयो 2 / सव्वेवि णं भंते ! भवसिद्धिया जीवा सिन्झिस्संति ?, हता! जयंती ! सव्वेवि णं भवसिद्धिया जीवा सिन्झिस्संति 3 / जइ भंते / सव्वे भवसिद्धिया जीवा सिन्झिस्संति तम्हा णं भवसिद्धियविरहिए लोए भविस्सइ ?, णो तिण? सम? 4 / से केणं खाइएणं अटेणं भंते ! एवं बुचइ सब्वेवि णं भवसिद्धिया जीवा सिझिस्संति नो चेव णं भवसिद्धियविरहिए लोए भविस्सइ ?, जयंती ! से जहानामए सव्वागाससेढी सिया श्रणादीया अणवदग्गा परित्ता परिवुडा सा णं परमाणुपोग्गलमत्तेहिं खंडेहिं समये 2 अवहीरमाणी 2 अणंताहिं श्रोसप्पिणीअवसप्पिणीहिं अवहीरंति नो चेव णं अवहिया सिया, से तेणटेणं जयंती ! एवं वुच्चइ सव्वेवि णं भवसिद्धिया जीवा सिभिस्संति नो चेव णं भवसिद्धिअविरहिए लोए भविस्सइ 5 / सुत्तत्तं भंते ! साहू जागरियत्तं साहू ?, जयंती ! अथेगइयाणं जीवाणं सुत्तत्तं साहू अत्थेगतियाणं जीवाणं जागरियत्तं साहू 6 / से केणतुणं भंते ! एवं वुच्चइ अत्थेगइयाणं जाव साहू ?, जयंती! जे इमे जीवा अहम्मिया अहम्माणुया अहम्मिट्ठा अहम्मक्खाई अहम्मपलोई ग्रहम्मपलजमाणा अहम्मसमुदायारा ग्रहम्मेणं चेव वित्तिं कप्पेमाणा विहरंति एएसि णं जीवाणं सुत्तत्तं साहू, एए णं जीवा सुत्ता समाणा नो बहूणं पाणभूयजीवसत्ताणं दुक्खणयाए सोयणयाऐ जाव परियावणयाए वट्टति, एए णं जीवा सुत्ता समाणा अप्पाणं वा परं वा तदुभयं वा नो बहूहिं अहम्मियाहिं संजोयणाहिं संजोएत्तारो भवंति, एएसि जीवाणं सुत्तत्तं साहू, जयंती ! जे इमे जीवा धम्मिया धम्माणुया जाव धम्मेणं चेव वित्ति कप्पेमाणा विहरंति एएसि णं जीवाणं जागरियत्तं साहू, एए णं. जीवा जागरा समाणा बहूणं पाणाणं जाव सत्ताणं अदुक्खणयाए जाव

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