Book Title: Agam Sudha Sindhu Part 02
Author(s): Jinendravijay Gani
Publisher: Harshpushpamrut Jain Granthmala

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Page 438
________________ श्रीमद्व्याख्याप्रज्ञप्ति (श्रीमद्भगवती) सूत्रं : शतकं 12 // उ० 4 ] असंखिजहा कन्जमाणे असंखेजा परमाणुपोग्गला भवंति 11 / अणंताणं भंते ! परमाणुपोग्गला जाव किं भवंति ?, गोयमा ! अणंतपएसिए खंधे भवति, से भिन्जमाणे दुहावि तिहावि जाव दसहावि संखिजा असंखिजा अणंतहावि कन्जइ, दुहा कन्जमाणे एगयो परमाणुपोग्गले एगयो अणंतपएसिए खंधे जाव अहवा दो अणंतपएसिया खंघा भवंति, तिहा कन्जमाणे एगयो दो परमाणुपोग्गला एगययो अणंतपएसिए भवति ग्रहवा एगययो परमाणुपोग्गले एगयत्रो दुपएसिए एगयो श्रणंतपएसिए भवति जाव अहवा एगययो परमाणुपोग्गले एगयो असंखेजपएसिए एगयो अणंतपएसिए भवति अहवा एगययो परमाणुपोग्गला एगयो दो अणंतपएसिया भवंति अहवा एगययो दुपएसिए एगयो दो अणंतपएसिया भवंति एवं जाव. अहवा एगयो दसपएसिए एगयो दो अणंतपएसिया खंधा भवंति अहवा एगयो संखेजपदेसिए खंधे एगयो दो अणंतपएसिया खंधा भवंति ग्रहवा एगयो असंखेजपएसिए खंधे एगयो दो अणंतपएसिया खंधा भवंति अहवा तिन्नि अणंतपएसिया खंधा भवंति, चउहा कजमाणे एगयो तिन्नि परमाणुपोग्गला एगययो अणंतपएसिए भवति एवं चउकसंजोगो जाव असंखेजगसंजोगो, एते सव्वे जहेव असंखेजाणं भणिया तहेव अणंताणवि भाणियव्वा नवरं एक्कं अणंतगं अब्भहियं भाणियव्वं जाव श्रहवा एगयो संखेजा संखिजपएसिया खंधा एगयो अणंतपएसिया भवंति अहवा एगयो संखेजा असंखेजपएसिया खंधा एगयो अणंतपएसिए खंधे भवति अहवा संखिजा अणंतपएसिया खंधा भवंति, असंखेजहा कजमाणे एगययो असंखेजा परमाणुपोग्गला एगययो अणंतपएसिए खंधे भवइ अहवा एगययो असंखिजा दुपएसिया खंधा एगयो अणंतपएसिए भवति जाव अहवा एगययो असंखेजा संखिजपएसिया एगयो अणंतपएसिए भवति अहवा एगयत्रो असंखिजा असंखिज्जपएसिया खंधा एगयो

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