Book Title: Agam Sudha Sindhu Part 02
Author(s): Jinendravijay Gani
Publisher: Harshpushpamrut Jain Granthmala
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________________ श्रीमद्व्याख्याप्रज्ञप्ति (श्रीमद्भगवती) सूत्र :: शतकं 12:: उ० 10 ] [ 436 गमे तिविहे देवपुरिसे अप्पाबहुयं जाव जोतिसिया भावदेवा असंखेज्जगुणा 2 / सेवं भंते ! 2 ति जाव विहति 3 // सूत्रं 466 // बारसमसयस्स नवमो॥ // इति द्वादशमशतके नवम उद्देशकः // 12-9 // // अथ द्वादशमशतके आत्माख्य-दशमोद्देशकः // कइविहा णं भंते ! श्राया पराणत्ता, गोयमा ! अट्टविहा पाया पराणता. तंजहा-दवियाया कसायाया योगाया उपयोगाया णाणाया दंसणाया चरित्ताया वीरियाया 1 / जस्स णं भंते ! दवियाया तस्स कसायाया जस्स कसायाया तस्स दवियाया ?, गोयमा ! जस्स दवियाया तस्स कसायाया सिय अस्थि सिय नत्थि, जस्स पुण कसायाया तस्स दवियाया नियमं अत्थि 2 / जस्स णं भंते ! दवियाया तस्स जोगाया ? एवं जहा दवियाया कसायाया भणिया तहा दवियाया जोगाया भाणिय वा 3 / जस्स णं भंते ! दवियाया तस्स उवयोगाया एवं सव्वत्थ पुच्छा भाणियव्वा, गोयमा ! जस्स दवियाया तस्स उवयोगाया नियमं अस्थि, जस्सवि उवयोगाया तस्सवि दवियाया नियम अस्थि 4 / जस्स दवियाया तस्स णाणाया भयणाए, जस्स पुण णाणाया तस्स दवियाया नियम अस्थि 5 / जस्स दवियाया तस्स दंसणाया नियम अस्थि, जस्सवि दंसणाया तस्स दवियाया नियमं अस्थि 6 / जस्स दवियाया तस्स चरित्ताया भयणाए, जस्स पुण चरित्ताया तस्स दवियाया नियमं अस्थि, एवं वीरियायाएवि समं 7 / जस्स णं भंते ! कसायाया तस्स जोगाया पुच्छा, गोयमा ! जस्स कसायाया तस्स जोगाया नियमं अस्थि, जस्स पुण जोगाया तस्स कसायाया सिय अस्थि सिय नथि 8 / एवं वोगायाएवि समं कसायाया नेयव्वा, कसायाया य णाणाया य परोप्परं दोवि भइयव्वाश्रो 1 / जहा कसायाया य उवयोगाया य तहा कसायाया
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