Book Title: Agam Sudha Sindhu Part 02
Author(s): Jinendravijay Gani
Publisher: Harshpushpamrut Jain Granthmala

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Page 435
________________ 418 ] [ श्रीमदागमसुधासिन्धुः // द्वितीयो विभागा भवति ग्रहवा एगयो चत्तारि परमाणुपोग्गला एगययो दुपएसिए खंधे भवइ एगययो चउपएसिए खंधे भवति यहवा एगययो चत्तारि परमाणुपोग्ग ला एगययो दो तिपएसिया खंधा भवंति ग्रहवा एगययो तिन्नि परमाणुपोग्गला एगयो दो दुपएसिया खंधा भवंति एगयो तिपएसिए खंधे भवति अहवा एगययो दो परमाणुपोग्गला एगयश्रो चत्तारि दुपएसिया खंधा भवंति, सत्तहा कजमाणे एगययो छ परमाणुपोग्गला एगययो चउप्पएसिए खधे भवति ग्रहवा एगययो पंच परमाणुपोग्गला ऐगयो दुपएसिए एगययो तिपएसिए खंधे भवति अहवा एगयश्रो चत्तारि परमारगुपोग्गला एगययो तिन्नि दुपएसिया खंधा भवति, अट्टहा कज्जमाणे एगयो सत्त परमाणुपोग्गला एगययो तिपएसिए खंधे भवति अहवा एगययो छ परमाणुपोग्गला एगयो दो दुपएसिया खंधा भवंति, नवहा कन्जमाणे एगययो अट्ठ परमाणुपोग्गला एगययो दुपएसिए खंधे भवति अहवा एगपयो छ परमाणुपोग्गला एगयो दो दुपएसिया खंधा भवंति, दसहा कन्जमाणे दस परमाणुपोग्गला भवंति 1 / संखेजा भंते ! परमाणुपोग्गला एगयो साहन्नति एगययो साहरिणत्ता किं भवति ?, गोयमा ! संखेजपएसिए खंधे भवति, से भिन्जमाणे दुहावि जाव दसहावि संखेजहावि कज्जति, दुहा कजमाणे एगययो परमाणुपोग्गले एगययो संखेजपएसिए खंधे भवति ग्रहवा एगयो दुपएसिए खंधे एगययो संखेजपएसिए खंधे भवति एवं ग्रहवा एगययो तिपएसिए एगययो संखेज्जपएसिए खंधे भवति एवं जाव ग्रहवा एगयो दसपएसिए खंधे एगययो संखेजपणसिए खंधे भवति ग्रहया दो संखेजपएसिया खंधा भवंति, तिहा कजमाणे एगयो दो परमाणुपोग्गला एगययो संखेजपएसिए खधे भवति अहवा एगयो परमाणुपोग्गले एगययो दुपएसिए खंधे भवइ एगयो संखेजपएसिए खंधे भवति अहवा एगययो परमाणुपोग्गले एगयो तिपएसिए खंधे भवइ

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