Book Title: Agam 38 Chhed 05 Jitkalpa Sutra Author(s): Jinbhadragani Kshamashraman, Punyavijay Publisher: Babalchand Keshavlal Modi View full book textPage 7
________________ विषयानुक्रमणिका .. or or orn ana विषय. भाष्यगाथा. सूत्र गाथा १ मंगल अभिधेयादि 'प्रवचन' शब्दनो निरुक्तार्थ 'प्रायश्चित्त' शब्दनो निरुक्तार्थ आगम, श्रुत, आज्ञा, धारणा अने जीत व्यवहार ७-८ आगमव्यवहार 'आगम' व्यवहारना भेद-प्रभेदो अने प्रत्यक्ष आगम परोक्ष आगम ९-१० प्रत्यक्ष-परोक्ष आगमनुं स्वरूप 'अक्ष' शब्दनी व्युत्पत्ति १२-१३ 'अक्ष'ना अर्थ संबंधे अन्य मतनो निर्देश अने प्रतिषेध १४-२२ 'नोइन्द्रिय प्रत्यक्ष आगम'नी त्रिविधता: २३-२४ अवधि मनःपर्याय-केवल अवधिज्ञान २५-७३ अवधिज्ञाननी प्रकृतिओ २५-३१ भवप्रत्ययिक अवधिज्ञान गुणप्रत्ययिक अवधिज्ञान 'अवधि' नुं स्वरूप ३५-३६ 'अवधिज्ञान 'ना छ भेदो आनुगामिक अवधि अनानुगामिक अवधि ४७-४९ वर्धमानक अवधि ५०-६१ हीयमानक अवधि प्रतिपाती अवधि ६३-६४ अप्रतिपाती अवधि ६५-६७ द्रव्यावधि क्षेत्रावधि ४ www www ३८-४६ 9 9 9 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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