Book Title: Agam 38 Chhed 05 Jitkalpa Sutra
Author(s): Jinbhadragani Kshamashraman, Punyavijay
Publisher: Babalchand Keshavlal Modi
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उत्पादनानुं स्वरूप
१३१३-१८ उत्पादनाना निक्षेपो
१३१४ उत्पादनाना सोल दोषा
१३१९-२० धात्रीदोष
१३२१-२४ धात्रीना (धावमाताना) पांच प्रकार
१३२२ दूतीदोष
१३२५-४० निमित्तदोष
१३४१-४९ आजीवदोष
१३५०-६१ वनीपकदोष
१३६२-८३ चिकित्सापिण्ड
१३८४-९२ क्रोध वगेरे दोषो क्रोधपिंड विशे क्षपकन उदाहरण मानपिंड विशे क्षुल्लकनुं उदाहरण
१३९६-९७ मायापिंड विशे आषाढभूतिर्नु उदाहरण १३९८-१४११ लोभपिंड विशे 'सिंहकेसर' नामना मोदकने इच्छनार क्षपकनुं उदाहरण १४१२-२० संस्तवदोष
१४२१-३६ विधा अने मन्त्रदोष
१४३७ विधा अने मंत्रनो तफावत
१४३८ विद्या विशे भिक्षुपासकन-बौद्ध उपासकनुं उदाहरण
१४३२-४४ मन्त्र विशे पादलिप्त अने मुरुडराजनुं उदाहरण
१४४५-४७ चूर्णदोष, योगदोष अने मूलकम दोष
१४४८ चूर्णदोष बाबत बे क्षुल्लकनुं उदाहरण १४४९-५७ योगदोष
१४५८-६० योगविशे ब्रह्मद्वैपिक तापसोनुं उदाहरण १४६१-६७ मूलकर्म
१४६८-७२ ग्रहणैषणानुं स्वरूप
१४७३-७५ ग्रहणेषणाना दश प्रकार
१४७६ शंकित दोष
१४७७-९०
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