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आगम सूत्र २७,पयन्नासूत्र-४,'भक्तपरिज्ञा'
सूत्र
आगमसूत्र-२७- 'भक्तपरिज्ञा' पयन्नासूत्र-४- हिन्दी अनुवाद
कहां क्या देखे?
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विषय
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मंगल एवं ज्ञान की महत्ता शाश्वत-अशाश्वत सुख मरण के भेद
| ४ | आलोचना-प्रायश्चित्त
| व्रत-सामायिक आरोपण आदि ६ | आचरणा-खामणा-उपदेश आदि
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मुनि दीपरत्नसागर कृत् “(भक्तपरिज्ञा)” आगम सूत्र-हिन्दी अनुवाद”
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