Book Title: Agam 26 Chhed 03 Vyavahara Sutra Sthanakvasi
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
View full book text ________________
.... नो चेव समणोवासगं पच्छाकडं पासेज्जा बहुस्सुयं बब्भागमं जत्थेव सम्मभावियाई चेइयाइं पासेज्जा तेसंतिए आलोएज्जा पडिकक्मेज्जा निदेज्जा गरहेज्जा विउद्देज्जा विसोहेज्जा अकरणयाए अन्भुटेज्जा अहारिहं तवोकम्मं पायच्छित्तं पडिवज्जेज्जा (६)। ... नो चेव सम्मंभावियाई चेइयाई पासेज्जा, बहिया गामस्स वा नगरस्स वा निगमस्स वा रायहाणीए वा खेडस्स वा कब्बडस्स वा मडंवस्स वा पट्टणस्स वा दोणमु इस्स वा आसमस्स वा संवाहस्स वा संनिवेसस्स वा पाईणाभिमुहे वा उदीणाभिमुहे वा करयलपरिग्गहियं सिरसावत्तं मत्थए अंजलिं कटु एवं वएज्जा-एवइया मे अवराहा एवइक्खुत्तो अहं अवरद्धो अरहंताणं सिद्धाणं अंतिए आलोएज्जा पडिक्कमेज्जा निंदेज्जा गरहेज्जा विउद्देज्जा विसोहेज्जा अकरणयाए अब्भुटेज्जा अहारिहं तवोकम्मं पायच्छित्तं पडिवज्जेज्जासि (७) ति बेमि ॥३५॥
॥ ववहारे पढमो उद्देसो समत्तो ॥
Loading... Page Navigation 1 ... 310 311 312 313 314 315 316 317 318 319 320 321 322 323 324 325 326 327 328 329 330 331 332 333 334 335 336 337 338 339 340 341 342 343 344 345 346