Book Title: Agam 26 Chhed 03 Vyavahara Sutra Sthanakvasi
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti

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Page 331
________________ ॥ ससमो उद्देसी ॥ जे निम्गंथा यणिम्गंथीओ य संभोइया सिया नो कप्पड़ णिग्गंथीणं णिगंचे अणापुच्छित्ता णिग्गंथिं अम्नगणाओ आमयं खुयायारं सबलायारं भिन्नायारं संकिलिट्ठायारचरितं तस्स ठाणस्स अणालोयावेत्ता जाव अहारिहं पायच्छित्तं तवोकम्मं अपडिवज्जावेत्ता पुच्छित्तए वा वाएचए वा उवद्वावेत्तए वा संभुजित्तए वा संवसित्तए वा, तीसे इत्तरियं दिसं वा अणुदिसं वा उद्दिसित्तए वा धारितए वा ॥१॥ जे णिग्गंथा य णिग्गंथीओ य संभोइया सिया कप्पइ निग्गंथीणं णिग्गंथे आपुच्छित्ता णिग्गंथिं अन्नगणाओ आगयं खुयायारं सबलायरं भिन्नायारं संकि लिट्ठायारचरितं तस्स ठाणस्स आलोयावेत्ता जात्र अहारिहं पायच्छित्तं तवोकम्मं पडिवज्जावेत्ता पुच्छित्तए वा वात्तए वा उवद्वावेत्तए वा संभुंजित्तए वा संवसित्तए वा, तीसे इत्तरियं दिसं वा अणुदिसं वा उद्दिसित्तए वा धारितए वा ॥ २ ॥ जे णिग्गंथा य णिग्गंथीओ य संभोइया सिया, कप्पर णिग्गंथाणं णिग्गंथीओ आपुच्छित्ता वा अणापुच्छित्ता वा णिगंर्थि अन्नगणाओ आगयं खुयायारं सबलायारं भिन्नायारं संकि लिट्ठायारचरितं तस्स ठाणस्स आलोयावेत्ता जाव अहारिहं पायच्छित्तं तवोकम्मं पडिवज्जावेत्ता पुच्छित्तए वा वाएतए वा उवट्टावेत्तए वा भुंजित्तएसं वा संवत्तिए वा, तोसे इत्तरियं दिसं वा अणुदिसं वा उद्दित्तिए वा धारितए वा तं च णिग्गंथीओ नो इच्छेज्जा सेवमेव नियं ठाणं ॥ ३ ॥ जे णिग्गंथाय णिग्गंधीओ य संभोइया सिया, नो हुं कप्पइ परोक्खं पाडि एक्कं संभोयं विसंभोइयं करित्तए, कप्पड़ हं पच्चक्खं पाडिएक्कं संभोइयं विसंभोइयं करित्तए, जत्थेव अन्नमन्नं पासेज्जा तत्थेव एवं वएज्जा -अहं णं अज्जो ! तुमाए सद्धिं इमंमि कारणमि पच्चवखं पाडिएवकं संभोइयं विसंभोइयं करेमि । से य पडितप्पेज्जा एवं से aratus पच्च पाडिएक्कं संभोइयं विसंभोइयं करित्तए, से य नो पडितप्पेज्जा एवं से कप पच्चक्खं पाडिएक्कं संभोइयं विसंभोइयं करिए ॥४॥ ॥ जाओ णिग्गंथीओ वा णिग्गंथा वा संभोइया सिया, नो व्हं कप्पइ पच्चक्खं पाडि - एक्कं संभोइयं विसंभोइयं करित्तए, कप्पइ हं पारोक्खं पाडिएक्कं संभोइयं विसंभोइयं करिए, जत्थेव ताओ अप्पणो आयरियउवज्झाए पासेज्जा तत्थेव एवं वएज्जा - अहं णं भंते ! अमुगीए अज्जाए सद्धि इमंमि कारणंमि पारोक्खं पाडिएक्कं संभोइयं विसं

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