Book Title: Agam 24 to 33 Das Prakirnak Sutra Shwetambar
Author(s): Rai Dhanpatsinh Bahadur
Publisher: Rai Dhanpatsinh Bahadur

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Page 6
________________ गस्नगएसमा नरएस शत्येगईए उपयजिम्मा शस्येगहए नोउपजिज्का ? गोयमा ! जेण जीवे गनगएसमाज सनीय पंचिदिए सहाहि पज्जतीहिं पजाप्तए वीरियलसीए विनगनाणलछीए वेठधिशलछीए विउधिलछि पप्ले पराणीशागइ सच्चानिसम्मएएसेनियुएइ निबुहिताधिउछिसमुग्घाएण समोहणइ समोहणितावाउरंगिर्णि सिलसमाहत्त समाहिताएराणीए सिक्षिसगामसगामा सेणजीवेश्चत्यकामए रेजकामए जोगकामए रश्चखि ए रजकखिए नोगकंखिए कामकखिए थपपिवासिय रजपियासिए नोगपियासिए कामपिवासिए थपिया सिए तच्चिततमाणे तलेसे तदनवसिए जन्लिछम्नवसाणेप्तयाहावउप्ते तदप्पियकरणे तनावणानाधिएएय सिवण शतरसिकालकरिज्जा नेरइएसवयजिज्का से एएण एव पुच्चइ गोयमा। जीवेण गनगएसमाणे नर एस शव्यगइए उवधजिका शस्यगईए नो उपज्किा जीवेण नसे ! गनगएसमाणे दवलोएस उवयजिज्का गोयमा ! था त्यगइए उयधमिका शत्येगईए नोउपस्तिका सेकगठेण नसे! एव पुच्चा शत्येगहए उपयजिज्का थत्येग इए नोउपविका गोयमा ! जेण जीवेगनगएसमाणेसनी पपिदिए सहाहिपज्जत्तीहि पज्जतए विउझिए लहीए पीरियलझीए उहिनाणलझीए नहायस्ससमणस्सवा माहणस्सवा थप्तिए एगमविद्यारिय घमियसुषय पं मुछानिसम्मत उसेनवद तिवसवेगसजायसह तिषधम्माणुरायरत्ते सेण जीवे धम्मकामए पुष्तकामए सम्गकामए

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