Book Title: Agam 21 Upang 10 Pushpika Sutra Shwetambar
Author(s): Purnachandrasagar
Publisher: Jainanand Pustakalay

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Page 16
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir हरियगरेरिजमाणसिरिया अतीव २ उक्सोभेमाणा २ चिटुंति, तते णं तस्स सोमिलस्स माहणस्स अण्णदा कदायि पुव्वरत्तावरत्तकालसमयंसि कुडुंबजागरियं जागरमाणस्स अयमेयारूवे अझथिए जाव समुपजित्था एवं खलु अहं वाणारसीए णयरीए सोमिले नाम माहणे अच्चंतमाहणकुलप्पसूते, तते णंमए क्याई चिण्णाईजाव जूवा णिक्खित्ता ततेणं भए वाणारसीए नयरीए बहिया बहवे अंबारामा जाव पुष्फारामा य रोवाविया, तं सेयं खलु ममं इदाणिं कल्लं जाव जलते सुबहुं लोहकडाहकडुच्छुयं तंबियं तावसभंड घडावित्ता विउलं असणं० मित्तनाइ० आमंतित्ता तं मित्तनाइणियग० विउलेणं असण० जाव सम्माणित्ता तस्सेव मित्त जाव जेट्टपुतं कुंडुंबे ठावेत्ता तं मित्तनाइ जाव आपुच्छिता सुबहुं लोहकडाहकडुच्छुयतंबियतावसभंडगं गहाय जे इमे गंगाकूले वाणपत्था तावसा भवंति, तं०-होतिया पोतिया कोत्तिया जनती सड्ढती थालती हुंबढ़ा दंतुक्खलिया उम्भज्जगा संमजगा निमजगा संपक्खालगा दक्षिणकूला उत्तरकूला संखधमा कूलधमा मियलुद्धया हत्थितावसा उदंडा दिसापोक्खिणो वकवासिणो बिलवासिणो जलवासिणो रुक्खमूलिया अंबुभक्खिणो वायुभक्खिणो सेवालभक्खिणो मूलाहारा कंदाहारा त्याहारा पत्ताहारा पुष्फाहारा फलाहारा बीयाहारा परिसडियकंदमूलतयपत्तपुष्फफलाहारा जलाभिसेयकढिणगायभूता आयावणाहिं पंचम्गितावेहिं इंगालसोल्लियं कंदुसोल्लियंपिव अप्पाणं रेमाणा विहरंति, तत्थ णजे ते दिसापोक्खिया तावसा तेसिं अंतिए दिसापोक्खियतावसत्ताए पव्वइत्तए, पव्वयितेऽविय णं समाणे इम इयारूवं अभिग्गहं अभिगिहिस्सामिप्यति मे जावजीवाए छटुंछट्टेणं अणिक्खित्तेणं दिसाचकवालेणं तवोकम्मेणं उर्दू बाहातो ॥ श्रीपुफिया सूत्र॥ पू. सागरजी म. संशोधित For Private and Personal Use Only

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