Book Title: Agam 21 Upang 10 Pushpika Sutra Shwetambar
Author(s): Purnachandrasagar
Publisher: Jainanand Pustakalay
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| देवलोगाओ आउखएणं० चइत्ता कहिं गच्छिहिति०?, गो०! महाविदेहे वासे जाइं कुलाई० तओ पच्छा संसारभविग्गे सामना पडिवज्जइ कम खवेइ तओ सिज्झिहिति, एवं खलु जंबू ! समणेणं० निक्खेवओ॥२३॥ चंदज्झयणं १०-१॥
जइणं भंते ! सभणेणं भगवया जाव पुफियाणं पढमस्स अञ्झ्यणस्स जाव अयमढे पं० दोच्चस्स णं भंते ! अझयणस्स पुफियाणं समणेणं भगवता जाव संपत्तेणं के अढे पं०?, एवं खलु जंबू ! तेणं कालेणं० रायगिहे नगरे, गुणसिलए चेइए, सेणिए. राया, समोसरणं जहा चंदो तहा सूरोऽवि आगओ जाव नट्टविहिं उवदंसित्ता पडिगतो, पुवभवपुच्छा, सावत्थी नगरी कोट्ठए चेइए सुपतिढे नाम गाहावई होत्था अड्ढे जहेव अंगती जाव विहरति, पासो समोसढो, जहां अंगती तहेव पव्वइए, तहेव विराहिय सामन्ने जाव महाविदेहे वासे सिज्झिहिति जाव अंतं०, एवं खलु जंबू ! समणेणं० निक्खेवओ ॥२४॥ सूरज्झयणं १०-२॥
जइणं भंते ! समणेणं भगवता जाव संपत्तेणं उक्खेवतो भाणियव्वो, रायगिहे नगरे, गुणसिलए चेइए, सेणिए राया,सामी समोसढे, परिसा निग्गया, तेणं कालेणं० सुक्के महम्गहे सुक्वडिसए विभाणे सुक्कंसि सीहासणंसि चाहिं सामाणियसाहस्सीहिं जहेव|| चंदो तहेव आगओ नटुविहिं उवदंसित्ता पडिगतो, भंते!त्ति० कूडागारसाला०, पुव्वभवपुच्छा, एवं खलु गो०! तेणं कालेणं० वाणारसी नामं नयरी होत्था, तत्थ णं वाणारसीए नयरीए अंबसालवणे, सोमिले नाम माहणे परिवसति अड्डे जाव अपरिभूते रिउव्वेय जाव सुपरिनिहिते, पासे० समोसढे, परिसा पजुवासति, तए णं तस्स सोमिलस्स माहणस्स इभीसे कहाए लद्धट्ठस्स समाणस्स इमे एतारुवे ॥ श्रीपुष्फिया सूत्र
पू. सागरजी म. संशोधित ||
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