Book Title: Agam 18 Upang 07 Jambudveep Pragnapti Sutra Part 02 Sthanakvasi Author(s): Kanhaiyalal Maharaj Publisher: Jain Shastroddhar Samiti Ahmedabad View full book textPage 6
________________ ४५ ५७९-६०३ ६०४-६३१ पूर्वदिशा के रुचकपर्वत स्थित देवियों का अवसर प्राप्त कर्तव्य का निरूपण अवसर प्राप्त इन्द्रकृत्य का निरूपण शक्र की आज्ञानुसार पालक देव के द्वारा की गई विकुर्वणादि का निरूपण यानादि का निष्पत्ति के पश्चात् शक्र के कर्तव्य का निरूपण ईशानेन्द्र का अवसर प्राप्तकार्य का निरूपण भवनवासी चमरेन्द्रादि का वर्णन अच्युतेन्द्र द्वारा की गई अभिषेक समग्री संग्रह का वर्णन अच्युतेन्द्रकृत तीर्थकराभिषेक का निरूपण अभिषेक कथनपूर्वक आशीर्वचन का कथन शक्र कृतकृत्य होकर भगवान के जन्मनगरप्रतिप्रयाण का कथन छटा वक्षस्कार जम्बूद्वीप के चरम प्रदश का निरूपण दश द्वारों से प्रतिपाद्य विषय का कथन ६३२-६४२ ६४२-६६३ ६६४-६७३ ६७३-६८५ ६८५-६९५ ६९५-७२० ७२१-७२६ ७२६-८४८ ५६ ७४९-७५४ ७५५-७९२ समाप्त. 5 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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