Book Title: Agam 11 Ang 11 Vipak Sutra Sthanakvasi Author(s): Amolakrushi Maharaj Publisher: Raja Bahaddurlal Sukhdevsahayji Jwalaprasadji Johari View full book textPage 5
________________ eNasabase पत्याधिकारी addesakal Mastesde sesta उपकारी-महात्मा Namadamastak - -- ५०.. gyanmandir@HODASTHAN परम पूज्य श्री कहानजी ऋषिजी महाराज की सम्प्रदाय के शुध्धाचारी पूज्य श्री खुषा ऋषिजी 27 महाराज के शिष्यवर्य स. तपस्वीजी श्री केवल H ऋषिजी महाराज आप श्रीने मुझे साथ ले महा परि-13 श्रम से हैद्राबाद जैसा बडा क्षेत्र साधुमार्गिय धर्म में प्रसिद्ध किया व परमोपदेश से रानाबहादुर दानवीरलाला मुखदेव सहायजी ज्याला प्रसादजी को धर्मप्रेमी बनाये. उनके प्रतापसे ही शास्त्राद्धारादि महा कार्य हैद्राबाद में हुए. इस लिये इस कार्य के मुख्याधिकारी आपही हुए. जो जो भव्य । जीपों इन शास्त्र द्वारा महालाभ प्राप्त करेंगे ये भापही के कृतज्ञ होंगे. परम पुज्य श्री कहाननी ऋषिजी महाराज की सम्प्राय के कवियरेन्द्र महा पुरुष श्री-तिलोक ऋषिजी महाराज के पाटवीय शिष्य वर्य, पूज्यपाद गुरू वर्य श्री रतऋषिजी महाराज ! आपश्री की आज्ञामे ही शास्त्रोद्धारका कार्य स्त्रीकार किया और भाष के परमाशिर्वाद से पूर्ण करसका इस लिये इस कार्य के परमोपकारी महात्या आप ही हैं. आप का उपकार केवल मेरे पर ही नहीं परन्तु जो जो भव्यों इन शास्त्रोद्वारा लाभ प्राप्त करेंगे उन सबपर ही होगा. yasaheshsanasalaM RAISIS सामोस 18 HENRNA दास-अमोल अपि RAS AND Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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