Book Title: Agam 10 Ang 10 Prashna Vyakaran Sutra Stahanakvasi
Author(s): Madhukarmuni, Shobhachad Bharilla
Publisher: Agam Prakashan Samiti

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Page 9
________________ (द्वितीय संस्करण के अर्थ-सहयोगी) श्रीमान् अमरचन्दजी सा. बोथरा जीवन परिचय श्रीमान् अमरचन्दजी सा. बोथरा नोखा (चांदावतों का) के निवासी स्व. श्री चन्दनमलजी सा. बोथरा के जेष्ठ पुत्र हैं । आपके तीन भाई नथमलजी, दुलीचन्दजी और पुखराजजी हैं । आपकी धर्मपत्नी पारस कंवर हैं जिनका जीवन बड़ा ही सरल, सेवामय व धर्मपरायण है । आपके दो पुत्रहनुमानचन्दजी व महेन्द्रकुमारजो और तीन पुत्रियाँ हैं। सारा परिवार सुसम्पन्न व धार्मिक भावों से सुसंस्कारित है। आपका करीबन ३८ वर्षों से मद्रास में फाइनेन्स का व्यवसाय है। आपने व्यावसायिक, सामाजिक व धार्मिक क्षेत्र में अच्छी ख्याति प्राप्त की है । आपका जीवन बड़ा ही धर्ममय है और जन कल्याण के कार्य में पूर्ण चेष्टा व लगन है । प्रत्येक कार्य में समय समय पर आपने पूर्ण सहयोग दिया है। आप (१) नोखा श्री संघ के, (२) स्वामीजी श्री हजारीमलजी महाराज जैन ट्रस्ट के और (३) युवाचार्य श्री मधुकर मुनि मेमोरियल सेवा ट्रस्ट इन तीनों संस्थानों के अध्यक्ष हैं । नोखा में स्वामीजी श्री हजारीमलजी महाराज जैन ट्रस्ट नोखा द्वारा प्रति वर्ष नेत्र शिविर का आयोजन किया जाता है। जिसमें करीबन १००-१२५ कारियाँ होती हैं । ऐसे प्रसंग पर आप स्वयं उपस्थित रहकर अपना सक्रिय सहयोग देते हैं। नोखा के जैनभवन-निर्माण में भी आपका पूर्ण योगदान रहा है। आपके जीवन में धर्म के प्रति पूर्ण श्रद्धा व निष्ठा है। नोखा में संत व सतियों के प्रत्येक चातुर्मास में प्रारम्भ से अन्त तक रहकर सेवा का लाभ लिया है। धार्मिक कार्यों में व जनकल्याण के कार्यों में आपकी हमेशा से रुचि रही है। इसके लिये आप प्रेरणा भी देते रहते हैं । आपके जीवन में धैर्यता व सहिष्णुता की विशिष्ट सद् प्रवृति है। आप मद्रास की एस. एस. जैन एज्यूकेशनल सोसायटी भवन ट्रस्ट व एस. एस. जैन स्थानक व अन्य संस्थाओं से जुड़े हुए हैं। स्व. गुरुदेव श्री हजारीमलजी म., स्व. श्री बृजलालजी म. व श्रमणसंघीय स्व. युवाचार्यजी श्री मधुकरजी म. के प्रति आपके समस्त परिवार की असाधारण भक्ति रही । उन्हीं की आज्ञानुवर्तिनी ज्ञान भक्ति-कर्मयोग की साकार मूर्ति प्रवचन प्रभाविका महासतीजी श्री उमरावकंवरजी म. स. 'अर्चनाजी' के प्रति भी आपकी अटूट श्रद्धा व भक्ति है। आपने साहित्य प्रचार की भावना से यह पुस्तक प्रकाशित करने में अपना आर्थिक सहयोग दिया है । एतदर्थ धन्यवाद । मंत्री श्री आगम प्रकाशन समिति, ब्यावर

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