Book Title: Agam 08 Ang 08 Antkrut Dashang Sutra Sthanakvasi
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
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द्वितीय वर्ग में (१) अक्षोभ ( २ ) सागर ( ३ ) समुद्र ( ४ ) हिमवान् (५) अचल (६) पूरय (७) अभिचन्द आदि कुमारों का संक्षिप्त वर्णन है ।
तृतीय वर्ग में (१) अणियसेन (२) अनन्तसेन (३) अजित सेन (४) अनिहतरिपु (५) देवसेन (६) शत्रुसेन (७) सारण (८) गजसुकुमाल (९) सुमुख (१०) दुर्मुख (११) कूपक (१२) दारुक (१३) अनादृष्टि का वर्णन है ।
चतुर्थवर्ग में (१) जालि (२) मयालि (३) उवयालि (४) पुरुषसेन (५) वारिसेन (६) प्रद्युम्न (७) शाम्ब (८) अनिरुद्ध (९) सत्यनेमि (१०) दृढनेमि का वर्णन है ।
पांचवें वर्ग में (१) पद्मावती (२) गौरी (३) गान्धारी ( ४ ) लक्ष्मणा (५) सुसीमा (६) जाम्बवती (७) सत्यभामा (८) रुक्मिणी (९) मूलश्री (१०) मूलदत्ता का वर्णन है ।
छ वर्ग में (१) मङ्काई (२) किङ्कम (३) मुद्गरपाणि (४) काश्यप (५) क्षेमक (६) धृतिधर (७) कैलास ( ८ ) हरिचन्दन ( ९ ) वारत (१०) सुदर्शन (११) पूर्णभद्र (१२) सुमनभद्र (१३) सुप्रतिष्ठ (१४) मेघ (१५) अतिमुक्त [एवंता ] (१६) अलक्ष का वर्णन है ।
सातवें वर्ग में (१) नन्दा (२) नन्दमती (३) नन्दोत्तरा (४) नन्दसेना (५) महया (६) सुमरुता, महामरुता (८) मरुदेवी (९) भद्रा (१०) सुभद्रा (११) सुजाता (१२) सुमति (१३) भूतदिन्ना का वर्णन है ।
आठवें वर्ग में (१) काली (२) सुकाली (३) महाकाली ( ४ ) कृष्णा (५) सुकृष्णा (६) महाकृष्णा (७) वीरकृष्णा (८) रामकृष्णा (९) पितृसेनकृष्णा (१०) महासेनकृष्णा आदि का वर्णन है इस प्रकार इस सूत्र में नव्वे मुक्तात्माओं का वर्णन है ।
इन आठ वर्ग के नव्वे अध्ययनों में प्रथम वर्ग का गौतम नामका प्रथम अध्ययन, तीसरे वर्ग का गजसुकुमाल कुंवर का आठवां अध्ययन,
શ્રી અન્તકૃત દશાંગ સૂત્ર