Book Title: Agam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Mool Sthanakvasi
Author(s): Sudharmaswami, Devardhigani Kshamashaman
Publisher: Global Jain Agam Mission
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भगवई सुत्त
सो चेव अप्पणा जहण्णकालट्ठिईओ जाओ, एस चेव वत्तव्वया, णवरं- ओगाहणा- ठिईओ रयणिपुहत्त-वासपुहुत्ताणि । सेसं तहेव । संवेहं च जाणेज्जा ।
सो चेव अप्पणा उक्कोसकालट्ठिईओ जाओ, एस चेव वत्तव्वया, णवरं- ओगाहणा जहणणं पंच धणुसयाइं, उक्कोसेणं वि पंचधणुसयाई । ठिई जहण्णेणं पुव्वकोडी, उक्कोसेण वि पुव्वकोडी, सेसं तहेव जाव भवादेसो त्ति । कालादेसेणं जहण्णेणं तेत्तीसं सागरोवमाइं दोहिं पुव्वकोडीहिं अब्भहियाइं, उक्कोसेण वि तेत्तीसं सागरोवमाइं दोहिं पुव्वकोडीहिं अब्भहियाइं, एवइयं कालं सेवेज्जा, एवइयं कालं गइरागई करेज्जा I एए तिण्णि सव्वट्ठसिद्धगदेवाणं। ॥ सेवं
गमगा
भंते ! सेवं भंते ! ॥
॥ चउवीसइमो उद्देसो समत्तो ॥
पंचवीसइमं सतं
पढमो उद्देसो
लेस्सा य दव्व संठाण, जुम्म पज्जव नियंठ समणा य ।
ओहे भवियाभविए, सम्मा मिच्छे य उद्देसा ॥१॥
तेणं कालेणं तेणं समएणं रायगिहे जाव एवं वयासी कइ णं भंते! लेस्साओ पण्णत्ताओ? गोयमा! छल्लेसाओ पण्णत्ताओ, तं जहा- कण्हलेस्सा जहा पढमसए बिइए उद्देसए तहेव लेस्साविभागो। अप्पाबहुगं च जाव चउव्विहाणं देवाणं चउव्विहाणं देवीणं मीसगं अप्पाबहु ति।
कइविहा णं भंते ! संसारसमावण्णगा जीवा पण्णत्ता ? गोयमा ! चोद्दसविहा संसारसमावण्णगा जीवा पण्णत्ता, तं जहा - सुहुमअपज्जत्तगा, सुहुमपज्जत्तगा, बायरअपज्जत्तगा, बायरपज्जत्तगा, बेइंदिया अपज्जत्तगा, बेइंदिया पज्जत्तगा, एवं तेइंदिया, एवं चउरिंदिया, असण्णिपंचिंदिया अपज्जत्तगा, असण्णिपंचिंदिया पज्जत्तगा, सण्णिपंचिंदिया अपज्जत्तगा, सण्णिपंचिंदिया पज्जत्तगा ।
एएसि णं भंते ! चोद्दसविहाणं संसारसमावण्णगाणं जीवाणं जहण्णुक्कोसगस्स जोगस्स कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा ?
गोयमा ! सव्वत्थोवे सुहुमस्स एगिंदियस्स अपज्जत्तगस्स जहण्णए जोए ।१। बायरस्स एगिंदियस्स अपज्जत्तगस्स जहण्णए जोए असंखेज्जगुणे |२| बेइंदियस्स अपज्जत्तगस्स जहण्णए जोए असंखेज्जगुणे | ३| एवं तेइंदियस्स |४| एवं चउरिंदियस्स |५| असण्णिस्स पंचिंदियस्स अपज्जत्तगस्स जहण्णए जोए असंखेज्जगुणे । ६ । सण्णिस्स पंचिंदियस्स अपज्जत्तगस्स जहण्णए जोए असंखेज्जगुणे ॥७। सुहुमस्स पज्जत्तगस्स जहण्णए जोए असंखेज्जगुणे ।८। बायरस्स एगिंदियस्स पज्जत्तगस्स जहण्णए जोए असंखेज्जगुणे |९| सुहुमस्स अपज्जत्तगस्स उक्कोसए जोए असंखेज्जगुणे | १० | बायरस्स एगिंदियस्स
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