Book Title: Agam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Mool Sthanakvasi
Author(s): Sudharmaswami, Devardhigani Kshamashaman
Publisher: Global Jain Agam Mission
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भगवई सुत्त
से किं तं आयारो ? आयारे णं समणाणं णिग्गंथाणं आयार-गोयर-वेणइय - सिक्खा-भासाअभासा-चरण-करण-जाया- माया- वित्तीओ आघविज्जंति; एवं अंगपरूवणा णिरवसेसं भाणियव्वा जहा णंदीए ।
एएसि णं भंते ! णेरइयाणं जाव देवाणं, सिद्धाण य पंचगइसमासेणं कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा जाव विसेसाहिया वा ? गोयमा ! अप्पाबहुयं जहा बहुवत्तव्वयाए, अट्ठगइसमास - अप्पाबहुगं
च ।
एएसि णं भंते ! सइंदियाणं, एगिंदियाणं जाव अनिंदियाण य कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा जाव विसेसाहिया वा ? गोयमा ! जहा बहुवत्तव्वयाए तहेव ओहियं पयं भाणियव्वं, सकाइयअप्पाबहुगं तहेव ओहियं भाणियव्वं ।
एएसि णं भंते ! जीवाणं, पोग्गलाणं जाव सव्वपज्जवाण य कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा ? गोयमा ! जहा बहुवत्तव्वयाए ।
एएसि णं भंते! जीवाणं आउयस्स कम्मस्स बंधगाणं अबंधगाणं, पुच्छा ? गोयमा! जहा बहुवत्तव्वयाए जाव आउयस्स कम्मस्स अबंघगा विसेसाहिया ॥ सेवं भंते! सेवं भंते ! ॥
॥ तइओ उद्देसो समत्तो ॥
पंचवीसइमं सतं
चउत्थो उद्देसो
कइ णं भंते ! जुम्मा पण्णत्ता ? गोयमा ! चत्तारि जुम्मा पण्णत्ता, तं जहा- कडजुम्मे जाव कलिओगे । से केणट्टेणं भंते ! एवं वच्चइ ? गोयमा ! एवं जहा अट्ठारसमसए चउत्थे उद्देसए तहेव जाव से तेणट्टेणं गोयमा ! एवं वुच्चइ |
णेरइयाणं भंते ! कइ जुम्मा पण्णत्ता ? गोयमा ! चत्तारि जुम्मा पण्णत्ता, तं जहाकडजुम्मे जाव कलिओगे । से केणद्वेणं भंते! एवं वुच्चइ ? गोयमा ! अट्ठो तहेव । एवं जाव वाउकाइयाणं ।
वणस्सइकाइयाणं भंते ! पुच्छा ? गोयमा ! वणस्सइकाइया सिय कडजुम्मा, सिय तेओगा, सिय दावरजुम्मा, सिय कलिओगा। से केणट्टेणं भंते! एवं वुच्चइ-वणस्सइकाइया जाव कलिओगा? गोयमा! उववायं पडुच्च । से तेणद्वेणं तं चेव । बेइंदियाणं जहा णेरइयाणं । एवं जाव वेमाणियाणं, सिद्धाणं जहा वणस्सइकाइयाणं ।
कइविहा णं भंते ! सव्वदव्वा पण्णत्ता ? गोयमा ! छव्विहा सव्वदव्वा पण्णत्ता, तं जहाधम्मत्थिकाए अधम्मत्थिकाए जाव अद्धासमए ।
धम्मत्थिकाए णं भंते ! दव्वट्टयाए किं कडजुम्मे जाव कलिओगे ? गोयमा ! णो कडजुम्मे, णो तेयोए, णो दावरजुम्मे, कलिओगे । एवं अहम्मत्थिकाए वि, एवं आगासत्थिकाए वि ।
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