Book Title: Agam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Mool Sthanakvasi
Author(s): Sudharmaswami, Devardhigani Kshamashaman
Publisher: Global Jain Agam Mission

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Page 561
________________ ३७ M ३९ ४० ४१ ४२ ४३ ४४ ४६ ४७ ४९ भगवई सुत्त परिमंडला णं भंते ! संठाणा किं कडजुम्मसमयठिईया, पुच्छा ? गोयमा ! ओघादेसेणं सिय कडजुम्मसमयठिईया जाव सिय कलियोगसमयठिईया । विहाणादेसेणं कडजुम्मसमय- ठिईया वि जाव कलियोगसमयठिईया वि । एवं जाव आयया । परिमंडले णं भंते ! संठाणे कालवण्णपज्जवेहिं किं कडजुम्मे जाव कलियोगे ? गोयमा ! सिय कडजुम्मे, एवं एएणं अभिलावेणं जहेव ठिईए। एवं णीलवण्णपज्जवेहिं। एवं पंचहिं वण्णेहिं, दोहिं गंधेहिं, पंचहिं रसेहिं, अट्ठहिं फासेहिं जाव लुक्खफासपज्जवेहिं । सेढीओ णं भंते ! दव्वट्टयाए किं संखेज्जाओ, असंखेज्जाओ, अणंताओ ? गोयमा ! णो संखेज्जाओ, णो असंखेज्जाओ, अणंताओ । पाईणपडीणाययाओ णं भंते! सेढीओ दव्वट्टयाए किं संखेज्जाओ, पुच्छा ? गोयमा! एवं चेव । एवं दाहिणुत्तराययाओ वि, एवं उड्ढमहाययाओवि । लोगागाससेढीओ णं भंते ! दव्वट्टयाए किं संखेज्जाओ, असंखेज्जाओ, अणंताओ ? गोयमा ! णो संखेज्जाओ, असंखेज्जाओ, णो अणंताओ । पाईणपडीणाययाओ णं भंते ! लोगागाससेढीओ दव्वट्टयाए किं संखेज्जाओ, पुच्छा ? गोयमा ! एवं चेव । एवं दाहिणुत्तराययाओ वि, एवं उड्ढमहाययाओ वि । अलोगागाससेढीओ णं भंते! दव्वट्टयाए किं संखेज्जाओ, असंखेज्जाओ, अणंताओ ? गोयमा ! णो संखेज्जाओ, णो असंखेज्जाओ, अणंताओ । एवं पाईणपडीणाययाओ वि । एवं दाहिणुत्तराययाओ वि । एवं उड्ढमहाययाओ वि । सेढीओ णं भंते ! पएसट्टयाए किं संखेज्जाओ, पुच्छा ? गोयमा ! जहा दव्वट्ठयाए तहा पसट्टयाए वि जाव उड्ढमहाययाओ वि; सव्वाओ अणंताओ। लोगागासेढीओ णं भंते ! पएसट्टयाए किं संखेज्जाओ, पुच्छा । गोयमा ! सिय संखेज्जाओ, सिय असंखेज्जाओ, णो अणंताओ । एवं पाईणपडीणाययाओ वि । दाहिणुत्तराययाओ वि एवं चेव । उड्ढमहाययाओ णो संखेज्जाओ, असंखेज्जाओ, णो अणंताओ । अलोगागाससेढीओ णं भंते ! परसट्टयाए, पुच्छा ? गोयमा ! सिय संखेज्जाओ, सिय असंखेज्जाओ, सिय अनंताओ । पाईणपडीणाययाओ णं भंते ! अलोगागाससेढीओ पएसट्टयाए, पुच्छा ? गोयमा ! णो संखेज्जाओ, णो असंखेज्जाओ, अणंताओ । एवं दाहिणुत्तराययाओ वि । उड्ढमहाययाओ णं भंते ! अलोगागाससेढीओ, पुच्छा ? गोयमा सिय संखेज्जाओ, सिय असंखेज्जाओ, सिय अनंताओ । सेढीओ णं भंते ! किं साइयाओ सपज्जवसियाओ, साइयाओ अपज्जवसियाओ, अणाइयाओ सपज्जवसियाओ, अणाइयाओ अपज्जवसियाओ ? गोयमा ! णो साइयाओ सपज्जवसियाओ, णो साइयाओ अपज्जवसियाओ, णो अणाइयाओ सपज्जवसियाओ, अणाइयाओ अपज्जवसियाओ । एवं जाव उड्ढमहाययाओ। 551

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