Book Title: Adhidwipna Nakshani Hakikat
Author(s): Shravak Bhimsinh Manek
Publisher: Shravak Bhimsinh Manek
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________________ अढीकीपना नकशानी हकीगत. 121 तथा पर्वतो तेना प्रतरतुं गणवू, एटला चोसला योजनना गणितपदनुं करवू ते व्य वहार मार्गे देखाड्यु, तेमज मेरुथकी उत्तरदिशिये जे ऐरवत क्षेत्र आदे देश्ने क्षेत्रो तथा पर्वतो ने तेनो पण उत्तरविदेहार्ड पर्यंत एज रीते वरतारो वर्तवो, पजी सर्वनो सरवालो एकठो मेलववो अथवा जंब्रहीपना विदेहाई पर्यंत अर्डनागना चोसला यो जनीयां खंम जेनुं गणित उपर करी आव्या छैये, तेने एका करी सरवालो वांधीने पली बमणा करीये, तेवारे “सगसयनज्य” ए गाथामां कहेली संख्या जेटलां प्रतर थाय. ए प्रतर करवाना यंत्रनी स्थापना नीचे करीये बैये. ध प्रतरकरणं. उत्तरत्नरताईस्य 1 हिमवगिरेः 2 हिमवंतदेवस्य 3 लघुजीवावर्गकला. ४१४एलए७५०० 75600000000 224400000000 गुरुजीवा वर्ग कला. 75600000000 224400000000 512400000000 उनयमीलनेकला. १९७०ए०एpoo 300000000000 36000000000 तबलीकरणेकला. 554504G50 150000000000 ३६न्४00000000 वर्गमूललब्धकला. 241960 ६०६एएए शेषराशिः॥ 407950 २५एएए६ ७७२३१ए बेदराशिः // 43720 १२१३एर अपवर्तनांक 10 शून्येनापवर्त्तना. कृतेऽपवर्त्तनेशेषराशिः 40715 ६४७एए कृतेऽपवर्त्तनेदराशिः ४३ए १७३६४ए पृथुत्वकलाः // 4525 20400 00000 तशुणोलब्धराशिः १०एवन्दए००० ७७४५ए६०००० 242360000 पृथुत्वेनशेषांशगुणाः 204235375 १२एएएG0 ३जए७६०००० बेदनागेनलब्धकला. 300 शेष७०३१ ६६एश्शेषजए २५४४शेए७४७३६ तासांबृहनाशिकेत्र. १०एवज ४५५६६६ए 2423544 एकदा ए नागकला॥ ५७६२४तन्प्र 011 ४०७६२४५०प्र०ए १२७७०ए७६०प्रज पुनः १ए नागेयो॥ 3032 क०१२- २१४५६७१का - ६७२५३१४५कन्य प्र०११ प्र०२० प्रत

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