Book Title: Adhidwipna Nakshani Hakikat
Author(s): Shravak Bhimsinh Manek
Publisher: Shravak Bhimsinh Manek
View full book text
________________ सागर. जाग. 276 देवादिक संबंधि आयु प्रमुखना यंत्रो. . नव ग्रैवेयके नव प्रतरे श्रायुःप्रमाण. पांच अनुत्तर विमाने श्रायु. प्रतर. | 1 2 3 4 5 ६|3|प्रतर. 23 24 25 26 27 २ज शए 30 31 सागर. | 0 0 0 0 0 0 0 0 0 नाग. बेदांक. J000000000 बेदांक. वैमानिक देवोमां बाशठ प्रतर बे, ते एकेका प्रतरना मध्यनागने विषे एकेक इंड क विमान जे एम सर्व बाशठ प्रतरे बाश इंसक विमान बे. हवे पहेला प्रतरना उस नामे वाटला अकविमानथकी चारे दिशाये बाश बा शठ विमानोनी पंक्ति निकली ने अने बीजा प्रतरना इंधक विमानथकी पूर्वादि चारे दिशाये एकशठ एकशठ विमानोनी पंक्ति नीकली जे. एम प्रतरे प्रतरे चारे दिशानी पंक्तिये पंक्तिये प्रत्येके एकेकु विमान घटामतां जश्ये, तेवारे बेहले बाशरमे प्रतरे अ नुत्तर विमाने इंजक विमानथकी चारे दिशाये चार पंक्ति एकेका विमाननी थ. हवे मध्यनुं विमान वाटवू होय ते पड़ी चारे दिशाये पंक्तिनुं पहेवू एकेकुं विमान त्रिखूणुं होय, पढ़ी चोखूणुं होय, पबी वली वाटतुं होय, पढी वली त्रिखूएं, वली चौ खूणुं होय, पली वाटर्बु होय. ए रीते त्रण प्रकारनां विमानो पंक्तिमां बे. श्रने ए चार पंक्तियोना अांतराने वच्चे जे विमानो बे ते जेम रायणना फूल बूटां बूटां विखरेला जेम तेम पड्यां होय, तेनी पेठे नंदावर्त, स्वस्तिक प्रमुख विविध सं स्थानवालां पुष्पावकीर्ण विमानो बे. तेनी पंक्तियो नथी. सघला वाटला गोल विमानने एक बारणुं होय श्रने त्रिखणा विमानने त्रण बा रणां होय. तथा चोखूणा विमानने चार बारणां होय. पदेला प्रतरना चारे दिशि संबंधि पंक्तिगत एकेकू विमान देवजी नेतेमज बेबे विमान नाग समुउनी चारे दिशाये बे, चार चार विमान यह बीपनी चारे दिशाये बे, तथा आठ श्राप विमान जूतसमुनी चारे दिशाये बे, शोल शोल विमान, स्वयं रमण नामा छीपनी चारे दिशिने विषे जे. तथा एकत्रीश एकत्रीश विमान स्वयंजूरमण समुज्नी चारे दिशाये जे. एम मेलवतां एक दिशानां बाशठ थाय अने चारे दिशानां थाय. तेनी साथे वच्चमानुं इंधक विमान मेलवीये तेवारे श्वए विमान थाय. चोखूणा विमानने चारे दिशाये कांगरा विनानो सादो गढ होय तेने वेदिका कहिये. अने वाटेला विमानने कांगरा सहित कोट होय तथा त्रिखूणीया विमानने तोजे दि

Page Navigation
1 ... 206 207 208 209 210 211 212 213 214 215 216 217 218 219 220 221 222 223 224 225 226 227 228 229 230 231 232 233 234 235 236 237 238 239 240 241 242 243 244 245 246 247 248 249 250 251 252 253 254 255 256