Book Title: Adhidwipna Nakshani Hakikat
Author(s): Shravak Bhimsinh Manek
Publisher: Shravak Bhimsinh Manek
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________________ सोप्रकारना रत्नोना नेद. 205 61 हास्य, 62 उत्तर, 63 प्रत्युत्तर, 64 शरीर, 65 शास्त्र, 66 ताल, 67 ढोल, 67 मृ दंग, ६ए विणा, so वांसली, 1 नेरी, पलितविनाश, रए योगणीशमा विज्ञान हेतुना चोराशी नेद , ते कहे . 1 तत्त्वज्ञान, 2 चर्म विज्ञान, 3 कर्म विज्ञान, 4 लदमीयोग, 5 शंख, 6 दंत, 7 गुटिका, रसायन, ए वचन, 10 कवित्व, 11 यंत्र, 12 मंत्र, 13 तंत्र, 14 मदन, 15 नेपथ्य, 16 ख्यंतक, 17 इष्टि का, 17 लेख्य, १ए सूत्र, 20 चित्र, 1 कर्मरंग, 22 शुचिकर्म, 23 शकुन, 24 ब्रह्मकर, 25 नैर्मल्य, 26 गंधयुक्ति, श आराम, शिल्प, श्ए काव्य, 30 कांस्य, 31 काष्ठ, 32 कुंन, 33 .लोह, 34 पत्र, 35 वंश्य, 36 नख, 37 दशन, 30 प्रासाद, ३ए धातु, 40 विनूषण, 41 स्वरोदय, 45 द्यूत, 43 अध्यात्म, 44 अग्रि, 45 विद्वेषण, 46 उच्चाटन, 57 स्तंजन, 4 मोहन, भए वशीकरण, 50 वस्तु, 51 स्वयंजु, 55 हस्ति शिक्षा, 53 अश्वशिक्षा, 54 पदी, 55 स्त्री, 56 काम, 57 चक्र, 50 वज्रीकरण,पए पशुपालन, 60 कृषी, 61 वाणिज्य, 62 लक्षण, 63 कालमानविधि, 64 श्रासन विधि, 65 शास्त्रबंध, 66 नियुद्धकरण, 67 आखेटक, 67 कुतुहल, ६ए केश, 7 पुष्प, 71 इंजजाल, 72 विनोद, 73 सौनाग्य, 74 प्रयोग, 75 शौच, 76 शान, 77 शेय, प्रीति, sए आयु, 70 चाटु, 71 व्यापार, 72 धारणा, 73 हेय, 4 उपादेय. 20 वीशमा देशसंख्या ते चारे दिशामा थने चोराशीनेदे , ते कहे . तेमां पूर्व दिशामा 1 गौम, 2 कान्यकुब्ज, 3 कलिंग, 4 गोल, 5 अंग, 6 कुरंग, 7 बंगाल, G अराच्य, ए वरेंड, 10 वामन, 11 गंगापार, 15 अंतर्वेदी, 13 मागध, 14 मध्य कुरु, 15 माहल, 16 कामरूप, 17 ऊज, 17 पुंइ, १ए वोडास, 20 अग्नि, 1 मालव, 22 पांचाल, 23 जालंधर, 24 शूरसेन, 25 लोहितपात. पश्चिम दिशामां. 26 काबेल, 27 वालंज, 27 सौराष्ट्र, शए कुंकुम, 30 लामप्री, 31 अर्बुद, 32 मेवान, 33 अवंति, 34 नागणित, 35 किरात, 36 शकट, 37 सौवीर, 37 कोंकण, उत्तर दिशिमां. ३ए गुर्जर, 40 सिंधु, 41 केकाण, 42 नेपाल, 43 लाट, 44 नोट, 45 तुरक, 46 तायक, 4 बर्बर, 40 वर्जुर, ४ए कीर, 50 काश्मीर, 51 हिमालय, 52 लोहपुर. 53 श्रीकाष्ठ. दक्षिण दिशिमां. 54 मलय, 55 सिंहल, 56 कोशल, 57 पामल, 57 आंध्र, एए वंध्व, 60 कर्कट, 61 अविन, 65 श्रीपर्वत, 63 वैदर्न, 64 धाराजराला, 65 तापीतट, 66 माहाराष्ट्र, 67 श्राजीरदेश, 60 नर्मदातट, ६ए छीपदेश. 21 एकवीशमा स्थानना बत्रीश नेदो बे, ते कहे . 1 स्वर्ग, 5 मृत्यु, 3 पाताल, 4 तनु, 5 विद्या, 6 वास्तु, 7 विनोद, वाद, ए गीत, 10 वाद्य, 11 नृत्य, 15

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