Book Title: Acharya Somkirti Evam Brham Yashodhar
Author(s): Kasturchand Kasliwal
Publisher: Mahavir Granth Academy Jaipur

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Page 4
________________ (५) परिचायक हैं । वास्तव में डॉ. कासलीवाल ने अपने इन प्रकाशनों द्वारा भट्टारकों के साहित्यिक एवं सांस्कृतिक योगदान को पुनः प्रकाश में लाकर समाज का प्रशस्त मार्गदर्शन किया है। चतुर्थ भाग के विमोचन के पश्चात् हम सभी नये उपाध्यक्षा शुत्र श्री लखचन्द बाकलीवाल, पद्मकुमार जैन नेपालगंज, सम्पतराय अग्रवाल कटक, रतालाल निनायवथा भागलपुर एवं डा. ताराचन्द बानी जयपूर का हादिक स्वागत करते हैं। सभी उपाध्यक्ष हमारे समाज के जाने माने सज्जन हैं तथा सामाजिक क्षेत्र में इनका महत्वपूर्ण योगदान रहता है । इसी तरह संचालन समिति के सभी भाननीय नये सदस्यों एवं विशिष्ट सदस्यों के प्रति आभार प्रकट करता हूं जिन्होंने अपना सहयोग देकर प्रकादमी की गति प्रदान की है । मैं सर्वश्री मागीलाल सेठी मुजानगढ़ एवं ताराचंद प्रेमी फिरोजपुर-भिरका का विशेष प्राभारी हं जो स्वयं यकादमी के सदस्य बन गये हैं एवं अन्य महानुभावों को भी सदस्य बनाने में अपना पूर्ण सहयोग देते है। हम चाहते हैं कि पष्टम भाग के प्रकाशन के पूर्व अकादमी की सदस्य संख्या कम से कम ५110 तक पहुंच जाय । प्रायः है कि कि सभी का सहगो पात्र होगा। पूनमचन्द गंगवाल झरिया (बिहार) दिनांक १०-६-२

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