Book Title: Acharya Somkirti Evam Brham Yashodhar
Author(s): Kasturchand Kasliwal
Publisher: Mahavir Granth Academy Jaipur

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Page 10
________________ ixvi) और उनमें वे सभी तत्त्व उपलब्ध होते हैं जो किसी एक काध्य में मिलने चाहिये। प्रस्तुत पुष्प में पांच कवियों की पन तक उपलब्ध सभी ३७ कृतियों के पाल दिये गये है जिनमें से अधिकांश कृतियों प्रथम बार सामने आयी है। वास्तव में जन ग्रंथागारों में राजस्थानी/हिन्दी ने अभी तक मैकड़ों कुतियां हैं जिनके अस्तित्व का हमें पता नहीं है परिचय मिलना तो बहुत दूर की बात है। राजस्थान एवं गुजरात के शास्त्र भण्डारों में इन पांच कवियों की और भी कृतियां मिल सकती है । प्राभार पुस्तक के सम्पादक में डा. महेन्द्रसागर जी अचंडिया अलीगढ़, भाषा-शास्त्री श्री नाथूलाल नी जैन एडवोकेट जयपुर एवं श्रीमती हा. कोकिला सेठी का जो सहयोग मिला है उसके लिये में उनका पूर्ण भाभारी हू । डा. प्रचंडिया जी ने सम्पादकीय लिखा है जो कितने ही दृष्टियों में प्रत्यधिक महत्वपूर्ण है। मैं प्रकादमी से सम्पादक मंडल के प्रमुख सदस्य एवं सहयोगी पं. अनूपचन्द जी न्यायतीर्थ का भी भाभारी हूँ जिनका मुझे साहित्यिक कार्यों में पूर्ण सहयोग मिलता रहृता है । डा. कस्तुर चन्द कासलीवाल अमृत कलश; किसान मार्ग बरकत कालोनी टोंक विज जयपुर, अगस्त १९८२

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