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१७ प्रति०- प्रतिपत्ति- जीवानिगम सूत्र में हैं। २६ पाद- पाद- प्राकृतव्याकरण और नसकी टीका दुष्टिका में हैं। २० पाहु०- पाहुडा- चन्प्रज्ञप्ति, सूर्यप्रज्ञप्ति, ज्योतिष्करण्डक में हैं। २१ वर्ग- वर्ग-निरयावनिका, अणुत्तरोक्वाई, अन्तकृददशाङ्ग में हैं। २२ विव० -विवरण-पोमशमकरण और पञ्चाशक में हैं। १३ प्रका०-प्रकाश-हीरप्रश्न में हैं। २४ प्र०-प्रश्न-सेनप्रश्न में हैं। २५ श-शतक- भगवती सूत्र में हैं। २६ श्रु०- श्रुतस्कन्ध- सूत्रकृताङ्ग, आचारा, झाताधर्मकथा और विपाकसूत्र में हैं। २७ वक्ष०- वक्षस्कार- जम्बूद्वीपप्रज्ञप्ति में हैं। श्० सम०- समवाय-समवायाजसत्र में हैं। श्ए सू०-सूत्र- पञ्चसूत्र में हैं।
१५-जिन जिन ग्रन्थों का प्रमाण दिया है उनके सङ्केत और नाम१ अन० - अचूमिका ।
| २७ जं० - जम्बूद्वीपप्रज्ञप्ति सूत्र सटीक । १ अणु० - अणुत्तरोववाई सूत्र सटीक।
२० झा० - ज्ञाताधर्मकथा सूत्र सटीक । ३ अनु० - अनुयोगद्वार सूत्र सटीक ।
२० जी० - जीवाभिगम सूत्र सटीक । ४ अने० - अनेकान्तजयपताकात्तिविवरण । ३० जीत० - जीतकल्प वृत्ति ५ अन्त० - अन्तगडदशाङ्ग सूत्र ।
३१ जीवा - जीवानुशासन सटीक । ६ अष्ट - अष्टक यशोविजयकृत सटीक । ३२ जै०३० - जैनइतिहास । ७ श्राचा० - आचारागसत्र सटीक ।
३३ ज्यो० - ज्योतिष्करएमक सटीक । G आचू० - आवश्यकचूर्णि।।
३४ दु० - हुएढी (प्राकृतव्याकरण ) टीका । ६ आम०- आवश्यकमलयगिरि (प्रथमखएड ) ३५ तं० - तन्दुलवयासी पयन्ना टीका। १० आण्मद्वि०- आवश्यकमलयगिरि (द्वितीयखएड) ३६ तित्थु० - तित्थुगानी पयन्नामूल । ११ पातु० - आतुरमत्याख्यान पयन्ना टीका।
३७ दशा० - दशाश्रुतस्कन्ध सूत्रवृत्ति । १२ आक० - आवश्यक कथा।
३० दर्श० - दर्शनशछि सटीक । १३ श्राव. - आवश्यकबृहद्वृत्ति ।
३६ दश० - दशवैकालिकसूत्र सटीक । १४ नुत्त. - उत्तराध्ययन मूत्र सटीक ।
४० द० ५०-दशपयन्नामृत। १५ उपा० - उपासकदशाङ्ग मूत्र सटीक ।
१ चउसरण पयन्ना।
२ आतुरप्रत्याख्यान एएमा। १६ उत्त०नि० - उत्तराध्ययन नियुक्ति ।
३ संथारगह पयन्ना। १७ एका० - एकाक्षरीकोश ।
४ चंदविजा पयन्ना। १० भोघ० - ओघनियुक्ति सटीक ।
५ गच्छाचार पयन्ना। १५ औ०
६ तंफुलवयाती पयन्ना। - भौषपातिकसूत्र वृत्ति।
७ देविदत्थव पयन्ना। २० कर्म० - कर्मग्रन्थ सटीक ।
गणिविजा पयन्ना। १ कप - कर्मप्रकृति सटीक ।
है महापञ्चक्खाण पयत्रा । १२ कल्प० - कल्पसुबोधिका सटीक ।
१० मरणविधि पयना । ३ को० - पाइयलच्छीनाममाला कोश ।
४१ व्या० - द्रव्यानुयोगतर्कणा सटीक। २४ ग० - गच्छाचारपयन्ना टीका।
४२ द्वा० -द्वात्रिंशद्वात्रिंशिका(बत्तीसबत्तीसी)सटीक २५ चंप्र० - चन्धप्राप्ति सूत्र सटीक ।
४३ द्वी० -द्वीपसागरप्रप्ति। १६. गा० - जनगायत्रीव्याख्या।
पप दे० ना०-देशीनाममाला सटीक ।
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