Book Title: Aagam 11 VIPAK SHRUT Moolam evam Vrutti Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar Publisher: Deepratnasagar View full book textPage 2
________________ आगम (११) “विपाकश्रुत” - अंगसूत्र-११ (मूलं+वृत्ति:) श्रुतस्कंध: [-], ----------------------- अध्ययनं - ----------------------- मूलं [-] मुनि दीपरत्नसागरेण संकलित...........आगमसूत्र - [११], अंग सूत्र - [११] "विपाकश्रुत" मूलं एवं अभयदेवसूरि-रचित वृत्ति: प्रत सूत्रांक दीप अहम्। श्रीमच्चन्द्रकलीन श्रीमदभयदेवाचार्य विहितविवरणयुतं विपाक(श्रुताङ्ग) सूत्रम् प्रकाशयित्री हेसाणा बारका अष्टि वीकपकाल हीराचंद श्रेष्ठि गुलाबचन्द्र हर्षचन्दपली उमीया कोर विहितसाहाय्येन श्रेष्ठि वेणिचन्द्र सुरचन्द्रद्वारा आगमोदय समितिः॥ एवं पुस्तकं पुणामध्ये आर्यभूषण यन्त्रालये म्यानेजर अनंत विनायक पटवर्धन द्वारा मुद्रापितम् ॥ चौरसंवत् २४४६. विक्रमसंवत् १९७६. क्राइस्ट सन् १९२० पण्यंः-१०-० दशकमाणकानाम् । अनुक्रम विपाक(श्रुताङ्ग)सूत्रस्य मूल “टाइटल पेज"Page Navigation
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