Book Title: Aadikal ka Hindi Jain Sahitya
Author(s): Harishankar Sharma
Publisher: Harishankar Sharma

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Page 1051
________________ १००१ टलवलइ जिम निर्जलि माछिको बलबला बलि मि बली कली माह कालावर बाला विरहि विश्वल बाबर वाग्लन (जीयो०एस० २९, १ इसके लाव है. वर्ष १२, प्र. प्र(t. २ ०र०) (७) मालिनी निरुपम मावाठी अपनी विनमाली बाबिकुल गुगबल्ली का पुषाल भल्ली करपा पररापी मानवी भईन वापी म मिारी तोड़ मेधारी इसके तान-(मनम,बसवय मालिनी भोगि होका:) (पाति पधकारी मिति म वासी रही बाह उत्सम नारि नासी किना न बाकि कल व बाजड अलवा र वाडि बाथ ) (१९) वर्मत जिला बबराट रत्तर परबई कमलाबास मोगाने शाहि कर भीर मारह पाच पाय गिरमे भाव ॥ Air-( स लका त... अगोन) (10) पोशा -स्यामा - वर्ण १४ (6. भ.ज. गु.) बार विराति बापडी पीईपीसीकहा बावाहिक मेटा

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