Book Title: 24 Tirthankar Saraswatidevi Pramukh Tirth Dev Devi Mahapoojan Author(s): Publisher: ZZZ UnknownPage 36
________________ LALALALALALALALALALALALALALAKAARO || ॐ ह्रीँ श्रीँ क्लीं ऐं नमः॥ ॥श्री सरस्वती देवी महापूजन विधि। आव्हान- ॐ ह्रीं श्रीं जिनशासन - श्री द्वादशांग्यधिष्ठात्रि। श्री सरस्वती देवि। अत्र अवतर अवतर संवौषट् नमः श्री सरस्वत्यै स्वाहा॥ स्थापनम- ॐ ह्रीँ श्रीँ जिनशासन - श्री द्वादशांग्यधिष्ठात्रि। श्री सरस्वती देवि। अत्र तिष्ठ तिष्ठ ठः ठः नमः श्री सरस्वत्यै स्वाहा॥ संन्निधापन-ॐ ह्रीं श्रीं जिनशासन - श्री द्वादशांग्यधिष्ठात्रि। श्री सरस्वती देवि। मम संन्निहिता भव भव वष्ट नमः श्री सरस्वयै स्वाहा॥ EYEATHEATREAKEATHEATREALLAHLAKEAKEATHEATREATREATMEAKIATREALHEATREATREATHEATHEATREATREATYEAKER सन्निरोधनम् - ॐ ह्रीं श्रीं जिनशासन - श्री द्वादशांग्यधिष्ठात्रि। श्री सरस्वती देवि। पूजां यावदव स्थातव्यम् नमः श्री सरस्वत्यै स्वाहा॥ अवगुण्ठनम्- ॐ ह्रीँ श्रीँ जिनशासन - श्री द्वादशांग्यधिष्ठात्रि। श्री सरस्वती देवि। परेषामदृश्या भव भव फट् नमः श्री सरस्वत्यै स्वाहा॥ MMMMMMMMMMMMMMMMMF Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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