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य. यें ॥ पडे रक्षोगण भोजंन ॥४॥ मा स्यांनरपशुमवतरी ॥ स्यां राक्षस नागराग था ये ॥ जे मखा धुंतुं मांसर हनुं ॥ तेम ते नुं राह खाये ॥ ५॥ जे मरान र नारियें ॥ कस्कंतुं नृत्य ने गा न ॥ ते मनुं ते म राक्षस करे ।। खाइ मांस करी जोड़ पा न ॥ ६ ॥ चोपाई।। विलिप्रालोकमां अपराधिरे करणा
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