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| चिनराज्य रंडरे ॥ पलटले न हिजमदं डरे ॥ ३३ ॥ को ये फरे तिरथसगले रे || रहे नित्य न वे बलिस्थलें रे ॥ जइजल मांध रखा ले पंड रे पटलेन दिजम दंडरे ॥ ३४॥ को ये करेवतउपवासरे जाये उतरेंथ ३ उदास रे || जगा लेहे माला मांइंड रे || पालेन हिंमदं उरे ॥३५॥ को ये चौको रेागनिवानि
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