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न हिजमदं 3 रे ।। ३।। कोयैच देलेव्या क वां सारे सिद्ध करे पर मांरारे ॥ बी
मुख विश्व खंड रे || पास्तेन हि
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जम दंड रे ॥ ३९ ॥ को ये कविव्य इकामजे डेरे ॥ को ये करे ज्ञानग पोडें रे ॥ जा कुंभे दिना शेच्या ब्रह्मं उरे ॥ पण रलेन दिज मदं उरे ॥ ४०॥ को ये स उ थिय उदासि "जिये करवत जईकाशी रे ॥ मरें न लें
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