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य. माल पंपालमांमरे रेजेनांज २०७ |मजोर प्रांशाह रे रे ॥ ९६ ॥ च्प्रा वेजमते
उबानें जेनेरे ॥ थाय जे मकयुंतेमते नें रे । वलि हो ये को ये वा सनावांन रे नावे जमने द्वाथ्य ने दांनरे ॥११॥न भुतप्रेततनधरेरे ॥ तेपणानर्क थी नरक सरेरे ॥ न दिक्कुवा वामतला वें
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