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तेनोनदेवो जागवा रंगहीय पूर्वजन मनांपाय॥ मलेरा तो संग ते परताप हमले वाद्य नागविष खारुं ॥ परम | कुसंगथि सौ साई ॥ रथिरा कजन म जाये जांएव ॥ कुसंगथि कोटि कोटि हा एप ॥ ३७ ॥ माटेक संग के नैं न कर वो पापरूपज्ञा शिप र दुवैरावाङ सं गनेसंगेरिया ॥ तेती लखचोरा
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