Book Title: Vasudevhindi Part 2
Author(s): Sanghdas Gani, Chaturvijay, Punyavijay
Publisher: Atmanand Jain Sabha

Previous | Next

Page 141
________________ मेहरहभवसंबंधो] एगवीसइमो केउमतीलंभो । एवं पगयं सोउं सीहरहो राया पणमिऊण मेहरहं रायं विमाणमारुहित्ता गओ सनयरं नयरतिलयं पुत्तं रजे अहिसिंचिऊण घणरहतित्थयरपायमूले रायडिं पयहिऊण निक्खतो, काउं तवं उदारं खीणे आउसेसम्मि परिनेव्वाणं गतो । मेहरहो वि उज्जाणसिरीमणुहवित्ता पुंडरगिणिमतिगतो। पारावय-भिडियाणं आगमणं अण्णया य मेहरहो उम्मुक्कभूसणा-ऽऽहरणो पोसहसालाए पोसहजोग्गासणनिसण्णो सम्मत्तरयणमूलं, जगजीवहियं सिवालयं फलयं । राईणं परिकहेइ , दुक्खविमुक्खं तहिं धम्मं ।। एयम्मि देसयाले, भीओ पारेवओ थरथरेंतो। पोसहसालमइगओ, 'रायं! सरणं ति सरणं' ति ॥ 10 'अभओत्ति भणइ राया, 'मा भाहि' त्ति भणिए हिओ अह सो। तस्स य अणुमग्गओ पत्तो, "मिडिओ सो वि मणुयभासी ।नहयलत्थो रायं भणइ-मुयाहि एयं पारेवयं, एस मम भक्खो । मेहरहेण भणियंन एस दायव्वो सरणागतो । 'भिडिएण भणियं-तरवर ! जइ न देसि मे तं खुहिओ कं सरणमुवगच्छामि ? त्ति । मेहरहेण भणियं-जह जीवियं तुब्भं पियं निस्संसयं तहा 15 सबजीवाणं । भणियं च हंतूण पैरप्पाणे, अप्पाणं जो करेइ सप्पाणं । अप्पाणं दिवसाणं, कएण नासेइ अप्पाणं ।। दुक्खस्स उव्वियंतो, हंतूण परं करेइ पडियारं । पाविहिति पुणो दुक्खं, बहुययरं तन्निमित्तेण ॥ एवं अणुसिट्ठो भिडिओ भणइ-कत्तो मे धम्ममणो भुक्खदुक्खद्दियस्स ? । मेहरहो भणइ-अण्णं मंसं अहं तुहं देमि भुक्खापडिघायं, विसज्नेह पारेवयं। भिडिओ भणइ-नाहं सयं मयं मंसं खामि, फुरफुरेंतं सत्तं मारेउं मंसं अहं खामि । मेहरहेण भणियं-जत्तियं पारावओ तुलइ तत्तियं मंसं मम सरीराओ गेण्हाहि । ‘एवं होउ' त्ति भणई [भिडिओ]। भिडियवयणेण य राया पारेवयं तुलाए चडावेऊण बीयपासे निययं मंसं छेत्तूण चडावेइ। 25 जह जह छुभेइ मंसं, तह तह पारावओ बहु तुलेइ। इय जाणिऊण राया, आरुहइ सयं तुलाए उ ॥ १ °यरं तिलयं उ २ मे० विना ॥ २ सहेण जोग्गा शां० ॥ ३ तिरिओ शां० । एवमग्रेऽपि ॥ ४ तिरिएण शां० ॥ ५ उ० मे० विनाऽन्यत्र-यं तहा पिया पाणा सव्व क ३ गो० । यं पिया सब्ब. खं० वा० । यं पियं सव्व ली ३ । °यं सव्व शां० ॥ ६ उक्तं च शां० ॥ ७ परे पा° शां०॥ ८ हुतरयं त°शां० ॥ ९ उ० मे० कसं० विनाऽन्यत्र-णो भुक्खदुक्खाह[य]स्स ली ३ संसं० । णो भुक्खदुक्खुद्दियस्स खं० वा० । °णो भुक्खुवुद्दियस्स मो० गो० । °णो दुक्खद्दियस्त शां० ॥ १० इ तीओ तिरियवय शां० ॥ ११ °हुं तुलइ शां०॥ व. हिं०४३ 20 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 139 140 141 142 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 153 154 155 156 157 158 159 160 161 162 163 164 165 166 167 168 169 170 171 172 173 174 175 176 177 178 179 180 181 182 183 184 185 186 187 188 189 190 191 192 193 194 195 196 197 198 199 200 201 202 203 204 205 206 207 208 209 210 211 212 213 214 215 216 217 218 219 220 221 222 223 224 225 226 227 228