Book Title: Vasudevhindi Part 2
Author(s): Sanghdas Gani, Chaturvijay, Punyavijay
Publisher: Atmanand Jain Sabha

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Page 218
________________ ४४ अजिय अर्णव अनंत जिण अमियजस अभियवाहण अर अक्खोभ अमिचंद अयल उप्पलमाला कलहंसी कवलिंगा कविल कोणास • आदिवा अपराजिता अलंबुसा आनंदा इलादेवी एगणासा चित्तकणगा चिरागुता चिता जयंती जसोहरा अलंबुसा उझिगा धणिया Jain Education International अरिनेमि उसभ उसभसामि उसभ सिरि कुंथु खेमंकर गंगपालिय गंगरक्खिय दुम्मुह पंडितिका पभावई विमिष धरण पूरण तोयधारा नंदा नंदिवद्वणा मंदुसरा नवमिका पउमावती पुंडरिगिणी पुंडरिगी वसुदेवद्दिण्डयन्तर्गतानां विशेषनाम्नां ३६ तीर्थकराः नाभेय नैमि पुष्पमाला पुहवी बलाहगा ४१ दुर्गपालः जमदंड घणरह जीवंतसाम जीवसामि दढधम्म धम्म नमि ३८ दास-दासी - दौवारिक प्रतीहार- महत्तरक- शय्यापालिकाद्याः पल्लवय मत्तकोकिला भद्दग मंधरा भद्दा मंदोदरी मिरि भोगमा लिणी मक्कडय लसुणिका महि महावीर ३७ दशारराजानः वसुदेव समुह विजय सागर भोगवती मितकेसी मी सकेसी मेईकरा ३९ दिकुमार्थः षट्पञ्चाशत् भद्दा भोगंकरा भोगमालिनी मेहमालिणी मेहवती पेसा रुयगसहा निनामिया रज्जगुप्त महावीरवद्धमाण संतिजिण मुनिसुव्वय सर्वपभ रुयगा குஷ்மா रूयगावती लच्छीवती बथमित्ता वसुंधरा वारिसेणा वारुणी विचित्ता विजया वेजयंती चद्धमाण वासुपूज विमल संति ४० दुर्गता दरिद्राध संखिया सिरिदत्ता पंडसीद डिंभगसम्म वणमाला वल्लह विजुलइया बीगादत्त संगमिया हिसव सतेरा समाहारा सवप्पभा सिरी सीवा सुनंदा सुप्पतिष्णा सुपसिद्धा सुभोगा सुमेहा सुरादेवी ४२ दूताः मिरिह मिरिय For Private & Personal Use Only सयंबुद्ध सयंभू सीमंधर सीयलजिण [ परिशिष्टं सुरदेव गुरुवा सुवस्था से सकेसी सेसवती सोतामणी हासा हिरी सुमंगला सुलक्खना मिस्समपाद विरिचि www.jainelibrary.org

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