Book Title: Vasudevhindi Part 2
Author(s): Sanghdas Gani, Chaturvijay, Punyavijay
Publisher: Atmanand Jain Sabha

Previous | Next

Page 178
________________ वसुदेवहिंडिपढमखंडसंगहणी। [परिशिष्टं प्रथमम् १६ अरिंजयपुरे विजुवेगस्स विजाहरराइणो विजुजिब्भाए देवीए अत्तिया मयणवेगा। पत्र २४५ ॥ १७ गगणवल्लभे णयरे अरुणचंदस्स विजाहरराइणो मीणगाए देवीए अत्तिया बालचंदा । पत्र २६२-२६४ ॥ १८ सावत्थीए कामदेवस्स सेहिणो बंधुसिरीए भारियाए दुहिदा बंधुमती। पत्र । २६८-२७९ ॥ - १९ तत्थेव एणियपुत्तस्स रणो अत्तिया पियंगुसुंदरी । पत्र ३०६॥ २० वसंतपुरे णगरे वैच्छिल्लरण्णो सुता जियसत्तुस्स राइणो भगिणी केउमती । पत्र ३४८॥ _२१ पुक्खलावतीए णगरीए गंधारस्स विजाहरराइणो अमितप्पभाए देवीए धूया पभावती । पत्र ३५१ ॥ २२ पोयणपुरे णगरे विजयस्स रणो भद्दाए देवीए दुहिता भद्दमित्ता । पत्र ३५३-३५५ ॥ २३ तत्थेव णगरे सोमस्स पुरोहियस्स खत्तियाणीए 'कुंदलयाए भारियाए अत्तिया सच्चरक्खिया। पत्र ३५३-३५५ ॥ २४ कोल्लयरे णगरे पउमरहस्स रण्णो अत्तिया पउमावई । पत्र ३५६ ॥ २५ अमोहप्पहारिस्स रण्णो'' दुहिया पउमसिरी । पत्र ३५९ ॥ २६ कॅचणपुरे णगरे सुमित्तस्स परिवायगस्स सुमित्तसिरीएं गणियाए अत्तिया ललियसिरी । पत्र ३६२॥ २७ रिद्वपुरेणगरेरुहिरस्स रणो मित्तदेवीए देवीए अत्तिया रोहिणी । पत्र ३६४ ॥ २८ मित्तियावतीए णगरीए देवकस्स रण्णो अत्तिया देवकी । पत्र ३६८ ॥ ॥ वसुदेवस्स भारियाओ॥ १ चंदाभस्स विजाहरराइणो मीणकेसाए देवीए व० सं० ॥ २ हरिणमदीए भारियाए व० सं० ॥ ३ सुभगाए देवीए व० सं० ॥ ४ कणगरहरणो सयताए देवीए [सुता] जियसत्तुस्स व० सं०॥ ५ पिंगलगंधारस्स विजाहरराइणो अतिप्पभाए व० सं०॥६कुंडलाए भारियाए व० सं०॥ ७ कोइल्लपुरे णगरे व० सं०॥ ८ सुरभीए देवीए व० सं०॥ ९ विसालापल्लीए व०सं० ॥१. कमलाए देवीए व० सं०॥ ११ कुंचपुरे णगरे व० सं०॥ १२ सिरीए गणियाए व० सं० ॥ १३ सुमित्ताए देवीए व० सं०॥ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 176 177 178 179 180 181 182 183 184 185 186 187 188 189 190 191 192 193 194 195 196 197 198 199 200 201 202 203 204 205 206 207 208 209 210 211 212 213 214 215 216 217 218 219 220 221 222 223 224 225 226 227 228