Book Title: Varang Chariu Author(s): Sumat Kumar Jain Publisher: Kundkund Kahan Parmarthik Trust View full book textPage 2
________________ पंडिय तेयपाल विरइउ वरंगचरिउ ( अद्यावधि अप्रकाशित दुर्लभ पाण्डुलिपि का सर्वप्रथम सम्पादन, हिन्दी अनुवाद एवं अध्ययन ) सम्पादक एवं अनुवादक डॉ. सुमत कुमार जैन प्राकृत - अध्ययन - शोध-केन्द्र, राष्ट्रिय संस्कृत संस्थान ( मानित विश्वविद्यालय) जयपुर परिसर, जयपुर प्रकाशक श्री कुन्दकुन्द - कहान पारमार्थिक ट्रस्ट 302, कृष्ण कुंज, प्लॉट नं. 30, नवयुग सी. एच. एस. लिमिटेड, वी. एल. मेहता मार्ग, विले पार्ले (वेस्ट), मुम्बई-400056, फोन - 02226130820Page Navigation
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